राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के व्यक्ति की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी जा सकती है. इस हत्या की खबर आने के बाद पुलिस ने मंगलवार 28 जून को ही दोनों आरोपियों रियाज़ मोहम्मद और गोस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया. इंडिया टुडे/आजतक के मुताबिक इसी बीच अपडेट आई कि NIA मामले की जांच कर सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि NIA की एक टीम उदयपुर के लिए रवाना हो चुकी है. वहीं राजस्थान सरकार ने अपनी तरफ से विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है. इस जांच टीम में ADG SOG अशोक राठौर, ATS IG प्रफुल कुमार समेत एक एसपी और अतिरिक्त एसपी स्तर के अधिकारी शामिल होंगे.
उदयपुर हत्याकांड की जांच NIA कर सकती है, राजस्थान में कई जगहों पर कर्फ्यू लगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि NIA की एक टीम उदयपुर के लिए रवाना हो चुकी है.
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दरअसल, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में जिहादी गुटों का भी हाथ हो सकता है. निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित बयान देने के बाद हुए बवाल के बीच अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन ने भारत को धमकी दी थी. इसमें उसने भारत के शहरों और हिंदुओं को निशाना बनाने की बात कही थी. आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन गजवातुल ने भी धमकी भरी चिट्ठी जारी कर नूपुर शर्मा के बयान का बदला लेने की बात कही थी. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों को जानकारी थी कि नूपुर शर्मा के बयान की आड़ में बड़े पैमाने पर नौजवानों को भड़काने की कोशिश की जा सकती है.
अब उदयपुर हत्याकांड ने तमाम आशंकाओं को बल दे दिया है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक हत्या के आरोपियों ने जिस तरह कन्हैयालाल की हत्या की, उसका वीडियो बनाकर वायरल किया और हत्यारों ने खुशी-खुशी कबूल किया कि उन्होंने ही ये हत्या की है, उससे लग रहा है कि ये आवेश में की गई वारदात नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश का नतीजा हो सकता है. ऐसे में घटना की जांच का दायरा महज कन्हैया की हत्या तक सीमित नहीं रहने वाला. यही वजह है कि मामले में NIA का नाम सामने आया है.
इस बीच खबर आई है कि वारदात का शिकार हुए कन्हैयालाल के खिलाफ भी मुस्लिम समुदाय की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के एडीजे लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमरिया ने बताया कि मृतक कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा का बयान कई ग्रुपों में वायरल किया था. तब मुस्लिम समुदाय की शिकायत पर कन्हैयालाल को भी 10 जून को गिरफ्तार किया गया था. अगले दिन यानी 11 जून को कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके 4 दिन बाद 15 जून को वो उन्हें मिली धमकी की शिकायत टाइप करके लाए थे. खबर के मुताबिक बाद में 17 जून को दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था.
हालांकि 28 जून को कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के बाद उदयपुर में हालात इतनी तेजी से बिगड़े कि जिले में इंटरनेट बंद करने और धारा 144 लगाने की कार्रवाई करनी पड़ी. लेकिन कुछ ही देर में पूरे राजस्थान में इसे लागू कर दिया गया. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने देर शाम बैठक कर सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों और जिला कलेक्टरों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता और चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं. जानकारी ये भी है कि राजस्थान में सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.