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दरअसल अभी तक जो रास्ता था, उस पर सीढ़ियां चढ़कर जाना होता था. खच्चर-वच्चर भी रहते थे. डोली पर लादकर ले जाने वाले भी रहते थे. भक्तों के हिस्से का पुण्य लूटने के लिए. उस सब झंझट से मुक्ति दिलाएगा ये रास्ता. बेस कैंप कटरा से लेकर अर्धकुंवारी तक बनेगा ये रास्ता. सात किलोमीटर बन भी चुका है. 14 करोड़ का खर्चा आ चुका है.