नेपाल की राजधानी काठमांडू में हालात (Nepal Protest) लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर लिया है. भीड़ ने घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. वहीं, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी दुबई जाने की योजना बना रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, वह इलाज के लिए दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं. हिंसा के बीच करीब पांच मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं.
दुबई भागने की तैयारी में PM ओली, नेपाल में राष्ट्रपति के निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
Nepal Protest: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर लिया है. भीड़ ने घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. वहीं, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी दुबई जाने की योजना बना रहे हैं.
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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, PM केपी शर्मा ओली ने 9 सितंबर की शाम छह बजे सर्वदलीय बैठक बुलाने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि वे हालात का आकलन करने और समाधान तलाशने के लिए संबंधित दलों से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.

उधर, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर और घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की.
बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच, प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में आग लगा दी है.
उधर, कम्युनिस्ट पार्टी मुख्यालय पर भी कब्जा कर लिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने लालितपुर में सीपीएन माओवादी केंद्र के अध्यक्ष और पूर्व पीएम पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' के निवास पर हमला किया और आग लगा दी.
नेपाल में गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल समेत पांच मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. खबर यह भी आ रही है कि PM ओली के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल नेपाली कांग्रेस के भीतर मतभेद नजर आने लगे हैं. दूसरी तरफ, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया है. रवि लामिछाने के नेतृत्व में पहली बार चुनाव जीतकर आई यह पार्टी शुरू से ही विरोध प्रदर्शनों के साथ खड़ी रही है.
रबि लामिछाने की पार्टी नेपाल सरकार के साथ गठबंधन में थी लेकिन जुलाई 2024 में गठबंधन से बाहर निकल गई थी. पार्टी का कहना है कि मौजूदा हालात में संसद भंग कर नए चुनाव कराए जाएं ताकि जनता को सही विकल्प मिल सके. यह कदम ओली सरकार पर भारी दबाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है.
कहां से शुरू हुआ मामला?गुरुवार, 4 सितंबर को ओली सरकार ने फेसबुक, वॉट्सऐप, एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का फैसला किया था, जिसके विरोध में ‘Gen Z’ सड़कों पर उतर आए (Nepal Gen Z Protest). इसके बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें कम से कम 20 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जिसके बाद नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन हटाने का फैसला लिया. हालांकि, युवाओं का भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन अब भी जारी है.
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इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री के निजी आवास मे आग लगा दी थी. कई शहरों में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद प्रदर्शन जारी है.प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन केवल सोशल मीडिया पर बैन लगाने को लेकर नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार, महंगाई और नेपोटिज्म को लेकर है. हजारों युवा प्रदर्शनकारी, जिनमें से कई स्कूल या कॉलेज की यूनिफॉर्म में थे, काठमांडू और दूसरे शहरों में उमड़ पड़े, जिसे 'Gen Z क्रांति' कहा जा रहा है.
कई प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसकर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए. जैसे-जैसे झड़पें बढ़ती गईं, पुलिस ने कई जगहों पर गोलीबारी की, जिसके बाद अधिकारियों को राजधानी और दर्जनों शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
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