नेपाल में युवाओं का प्रदर्शन जारी, सूचना मंत्री के घर को किया आग के हवाले, कई शहरों में लगा कर्फ्यू
Nepal Protest: राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री के निजी आवास मे आग लगा दी. कई शहरों में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद प्रदर्शन जारी है. जबकि ओली सरकार के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है.
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नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन हटा लिया है, लेकिन युवाओं का भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन अब भी जारी है. राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री के निजी आवास मे आग लगा दी. मौके पर पहुंची दमकल टीम आग बुझाने का काम कर रही है. कई शहरों में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद प्रदर्शन जारी है. जबकि ओली सरकार के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा था कि सोशल मीडिया पर बैन लगाने के पीछे संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग का हाथ था, इसलिए प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास को आग के हवाले कर दिया. 9 सितंबर को काठमांडू में अधिकारियों ने अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया. लेकिन कर्फ्यू लगने के बावजूद, कई हिस्सों में छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए और प्रदर्शनकारियों ने ‘छात्रों की हत्या मत करो’ जैसे नारे लगाए.
प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही सड़कों को जाम करने के लिए टायर जलाए. प्रदर्शनकारी सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे तब तक नहीं रुकेंगे जब तक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा नहीं दे देते. प्रदर्शन में शामिल एक छात्र बताया,
कल कई छात्र मारे गए और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को देश छोड़ देना चाहिए...छात्रों को अपनी आवाज उठाते रहना चाहिए.
कर्फ्यू लगने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए किराने की दुकानों और दवा की दुकानों की ओर दौड़ पड़े.
तीन मंत्रियों का इस्तीफायुवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच नेपाल में कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल ने इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने विरोध प्रदर्शनों के बीच नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था. खबर यह भी आ रही है कि PM ओली के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल नेपाली कांग्रेस के भीतर मतभेद नजर आने लगे हैं.
बताते चलें कि गुरुवार, 4 सितंबर को ओली सरकार ने फेसबुक, वॉट्सऐप, एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का फैसला किया था, जिसके विरोध में ‘Gen Z’ सड़कों पर उतर आए (Nepal Gen Z Protest). इसके बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें कम से कम 20 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जिसके बाद नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन हटाने का फैसला लिया.
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प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन केवल सोशल मीडिया पर बैन लगाने को लेकर नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार, महंगाई और नेपोटिज्म को लेकर है. हजारों युवा प्रदर्शनकारी, जिनमें से कई स्कूल या कॉलेज की यूनिफॉर्म में थे, काठमांडू और दूसरे शहरों में उमड़ पड़े, जिसे 'Gen Z क्रांति' कहा जा रहा है.
कई प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसकर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए. जैसे-जैसे झड़पें बढ़ती गईं, पुलिस ने कई जगहों पर गोलीबारी की, जिसके बाद अधिकारियों को राजधानी और दर्जनों शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
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