15 जनवरी को नेपाल (Nepal) के यती एयरलाइन्स (Yeti Airlines) का एक प्लेन क्रैश (Nepal Plane Crash) हो गया था. प्लेन में 72 लोग थे, इनमें से 69 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. हादसे से कुछ ही देर पहले प्लेन में मौजूद चार यात्री फेसबुक पर लाइव (Facebook Live) थे. लाइव वीडियो में गाजीपुर(Gazipur) के रहने वाले सोनू जयसवाल, अनिल राजभर, अभिषेक कुशवाहा, और विशाल शर्मा थे. दुर्घटना के बाद अब ये डेढ़ मिनट की वीडियो काफी वायरल हो रही है. साथ ही साथ सवाल उठ रहे हैं कि आखिर फेसबुक लाइव के लिए प्लेन में इंटरनेट कैसे आ रहा था?
नेपाल प्लेन क्रैश के दौरान फेसबुक लाइव थे यात्री, इंटरनेट कैसे आ रहा था?
कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या इसी वजह से प्लेन क्रैश हुआ?
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो तरीके होते हैं, जिनसे उड़ते प्लेन के अंदर बैठे यात्रियों के मोबाइल में इंटरनेट चलता हैं. पहला तरीका तो होता है 'एयर-टू-ग्राउंड'(Air to ground). मतलब, आसान भाषा में कहें तो बिल्कुल हमारे मोबाइल नेटवर्क जैसे काम करता है. हवाई जहाज के नीचे एक एंटीना लगा होता है, जो जमीन पर लगे मोबाईल टॉवर से निकल रहे सिग्नल को रिसीव करता है. और उन सिग्नल्स को ऑनबोर्ड सर्वर पर भेजता है.
सर्वर में एक मॉडेम लगा होता है, जो इन सिग्नल को कनवर्ट करता है और यात्रियों के डिवाइस तक इसे पहुंचाता है. इसी से यात्रियों को हवाई जहाज के अंदर वाई-फाई सर्विस मिलती है. मगर इसमें एक पेच है. हवाई जहाज जब समुद्री या पहाड़ी इलाके के आस-पास होता है या किसी ऐसी जगह होता है, जहां मोबाइल टावर नहीं होते हैं या जहां सिग्नल मिलने के आसार कम होते हैं वहां इसकी इंटरनेट स्पीड कम हो जाती है और कई बार इंटरनेट बंद हो जाता है.
दूसरा तरीका है 'सैटेलाइट बेस्ड वाई फाई सिस्टम'(Satellite Based WiFi system). इस सिस्टम में काम आते हैं हवाई जहाज के ऊपर लगे एंटीने. ऊपर वाले एंटीने पृथ्वी के चक्कर लगा रहीं सैटेलाइट्स से आ रहे सिग्नल्स को कैच करते हैं और मॉडम के जरिए अंदर बैठे यात्रियों को वाई फाई सर्विस पहुंचाते हैं. मगर इसमें पेच ये है कि प्लेन और सैटेलाइट को लगातार अपनी पोजीशन एडजस्ट करती रहनी पड़ती है. ये सैटेलाइट ग्राउंड स्टेशन से लिंक्ड होते हैं. ये सीधे सर्विस प्रोवाइडर के ऑपरेशन सेंटर से कनेक्ट होते हैं और इसी के जरिए पॉयलट और ATC के बीच बात-चीत होती है. बताए गए दोनों ही तरीके वाई-फाई बेस्ड हैं. इन दोनों ही तरीको में यात्रियों के मोबाइल डेटा का इस्तेमाल नहीं होता है. मतलब, जो नेटवर्क नॉर्मल कॉल के लिए यूज होता है, उसको ऑन करने की जरूत नहीं पड़ती है.
वीडियो: Nepal Plane Crash: नेपाल में 68 यात्रियों को ले जा रहा प्लेन क्रैश, अबतक क्या-क्या पता लगा?