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नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने की कवायद शुरू, अब तक 30 की मौत, महाराष्ट्र के 300 लोग फंसे हैं

Nepal Gen Z Protest Update: नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप धारण कर लिया था. सरकार ने युवाओं को रोकने के लिए कार्रवाई की तो प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से इसका जवाब दिया. इसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई. वहीं अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है.

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जेल से भागे कैदियों के साथ नेपाली सुरक्षाकर्मी. (तस्वीर: PTI, 10 सितंबर)

नेपाल में Gen Z की अगुवाई में हुए विरोध प्रदर्शन (Nepal Protest) के बाद, अब वहां अंतरिम सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिया है. इस प्रदर्शन के दौरान Gen Z की आवाज बन चुके काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने नेपाली युवाओं से कहा है कि अब वो अपने ‘स्वर्णिम युग’ में कदम रख चुके हैं.

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बालेन ने नेपाली नागरिकों से धैर्य रखने की अपील की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लिखा है,

प्रिय Gen Z और सभी नेपालियों, मेरा अनुरोध है, देश अब एक अलग स्थिति में है जो इतिहास में नहीं है. आप अब एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. कृपया इस समय घबराएं नहीं, धैर्य रखें. 

अब देश में एक अंतरिम सरकार आने वाली है, जो देश में नए चुनाव कराएगी. इस अंतरिम सरकार का काम चुनाव कराना और देश को नया जनादेश देना है.

आपने प्रस्ताव दिया है कि अंतरिम/चुनावी सरकार का नेतृत्व पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की करें. इसका पूर्ण समर्थन है. मैं आपकी समझदारी, विवेक और एकता का तहे दिल से सम्मान करना चाहता हूं. इसी से पता चलता है कि आप सभी कितने परिपक्व हैं. 

जो दोस्त जल्दबाजी में हैं, उनसे क्या कहूं… आपके जुनून, आपकी सोच, आपकी ईमानदारी की देश को स्थायी रूप से जरूरत है, अस्थायी रूप से नहीं. इसके लिए चुनाव होंगे. कृपया जल्दबाजी न करें. 

माननीय राष्ट्रपति, Gen Z द्वारा लाई गई ऐतिहासिक क्रांति को बनाए रखने के लिए, कृपया अंतरिम सरकार और संसद के विघटन को स्थगित करें.

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इस बीच जेल से बाहर आए नेता रवि लामिछाने ने सरकार बनाने में शामिल नहीं होने की घोषणा की है. उन्होंने फेसबुक पेज पर वीडियो संदेश जारी कर कहा कि नागरिक सर्वोच्चता कायम रहे. लामिछाने ने खुद के जेल से बाहर आने पर भी सफाई दी. उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने उनसे बाहर जाने को कहा था. उन्होंने स्थिति सामान्य होने पर फिर से जेल जाने की पेशकश भी की है. लामिछाने ने नई सरकार के गठन को लेकर अपनी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

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30 की मौत, महाराष्ट्र के 300 लोग फंसे

इस आंदोलन ने हिंसक रूप धारण कर लिया था. सरकार ने युवाओं को रोकने के लिए कार्रवाई की तो प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से इसका जवाब दिया. इसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई. वहीं 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के कई नेताओं और उनके घरों को निशाना बनाया. कई जेल पर हमले किए गए, जहां से कैदी भाग निकले.

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इस अशांति के कारण कई भारतीय नागरिक भी नेपाल में फंसे हुए हैं. इनमें महाराष्ट्र के 300 से ज्यादा पर्यटक शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नेपाल में फंसे मुरबाद के पर्यटकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया है. राज्य सरकार फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है. साथ ही शिंदे ने पर्यटकों को उनकी सुरक्षित वापसी के प्रयासों का आश्वासन भी दिया है.

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