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PM मोदी के ऐलान के बाद इंडिया ने सड़क बनाई, नेपाल एकदम सामने से भड़क गया

".....ताकि दोनों देशों के बीच संबंध ना बिगड़े."

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सांकेतिक फोटो (साभार: इंडिया टुडे)
नेपाल (Nepal) ने काली नदी के पूर्वी इलाके पर अपना हक जताया है. दरअसल नेपाल से सटे उत्तराखंड के लिपुलेख (Lipulekh) में भारत सड़क को चौड़ा कर रहा है. रविवार, 16 जनवरी को नेपाल सरकार ने भारत के इस सड़क निर्माण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत को लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी इलाके में सड़क निर्माण नहीं करना चाहिए क्योंकि इन इलाकों पर नेपाल का अधिकार है. वहीं भारत इन इलाकों को अपना बताता आया है. PM मोदी की रैली से उठी बात 30 दिसंबर, 2021 को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित हल्द्वानी में भाजपा की एक रैली थी. इस रैली में पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार लिपुलेख दर्रे तक चौड़ी सड़क का निर्माण करेगी. नेपाल ने 2020 में नया नक्शा जारी कर पिथौरागढ़ जिले में स्थित कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख दर्रे पर अपना हक जताया था. नेपाल की इस हरकत पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, नेपाल के सूचना और प्रसारण मंत्री ज्ञानेद्र बहादुर कार्की ने कहा कि, काली नदी के पूर्व में स्थित लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी इलाके नेपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और भारत को इन इलाकों में एकतरफा सड़क निर्माण बंद कर देना चाहिए. ज्ञानेद्र कार्की ने आगे कहा,
"नेपाल और भारत की सीमा विवाद से जुड़े किसी भी मसले को ऐतिहासिक दस्तावेजों, नक्शों और संधियों के आधार पर आपसी बातचीत से सुलझाया जाए, ताकि दोनों देशों के बीच संबंध ना बिगड़े."
ख़बरों के मुताबिक़, भारत ने सड़क निर्माण की घोषणा 30 दिसंबर को की थी, तब नेपाल की ओर से कुछ नहीं कहा गया, करीब 15 दिन बाद जब भारत ने सड़क निर्माण चालू कर दिया, तब नेपाल ने दोनों देशों के आपसी रिश्तों का हवाला देते हुए सड़क निर्माण रोकने के लिए कहा है.
नारंगी रंग में दिखाया गया वो इलाका है जिसपर नेपाल अपना अधिकार बता रहा है. (फोटो बीबीसी)
नारंगी रंग में दिखाया गया वो इलाका, जिसपर नेपाल अपना अधिकार बता रहा है. (फोटो: बीबीसी)


वहीं काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार, 15 जनवरी की रात कहा कि ये सब जानते हैं कि भारत की नेपाल के साथ सीमा को लेकर स्थिति बिल्कुल साफ है. नेपाल और भारत के सीमा विवादों को लेकर चल रही खबरों पर भरतीत दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि
"भारत-नेपाल सीमा पर भारत सरकार की स्थिति सर्वविदित, सुसंगत और स्पष्ट है. इसकी सूचना नेपाल सरकार को दे दी गई है."
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद चल रहा है. इस दौरान कई बार विवादित बयान भी दिए गए. हालांकि नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के कार्यकाल में इसमें सुधार होता दिख रहा था, लेकिन एक बार फिर से लिपुलेख में सड़क विस्तार की घोषणा पर नेपाल अपनी आपत्ति दर्ज करता दिखाई दे रहा है.