The Lallantop

फिल्म मसान के डायरेक्टर ने वोट करने वालों के लिए बेहद खास बात बोली है

पढ़कर थर्राहट होती है.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
देश में चुनाव चल रहे हैं. हर तरफ इसी बारे में बातें हो रही हैं. हर प्रसिद्ध आदमी वोट देने किए लिए अपने स्टाइल में जनता को प्रेरित कर रहा है. आज यानी 29 अप्रैल 2019 को मुंबई में वोट करने का दिन है. फिल्म इंडस्ट्री के सभी नामी गिरामी लोग अपना वोट कास्ट कर फोटोज़ और वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इसी सब के बीच बॉलीवुड के मशहूर फिल्म मेकर नीरज घैवन ने भी एक कविता लिखकर अपने भावनाएं व्यक्त की हैं. हालांकि उन्होंने ये कविता अंग्रेज़ी में लिखी है, मगर हम आपको इसका अनुवाद कर पढ़ाना चाहते हैं. इस कविता में नीरज, अपना कैंडिडेट कैसे चुनें ये समझाना चाहतें है.
भूखा किसान, एक उससे भी ज़्यादा भूखी ज़मीन पर क्या तुमने झूलते कदमों को देखने का इंतज़ार किया? या तुमने करुणा से भरा पात्र दिया? रोता हुआ बेटा और पिता की घायल लाश क्या तुमने उससे नज़रें फेर ली? या तुमने अपना कंधा दिया? छोटी बच्ची के रोने की आवाज़ ने गूंजकर घाटी को लाल कर दिया क्या तुमने उन आदमियों की जय-जयकार की? या तुमने शर्म से अपने सर टांग दिए? बूढ़ा आदमी सर्पिल कतार में ढह गया क्या तुमने उसका मज़ाक उड़ाया? या तुमने उसके पसीने वाले हाथ पकड़े जिनपर झुर्रियां पड़ी हुई थीं? बेरोज़गार लड़की ने शीशे की खिड़की पर पत्थर उछालकर फेंका क्या तुमने उसे देशद्रोही कहा? या तुमने उसकी एप्लीकेशन भरने में मदद की? एक अकेला डिब्बा झंडे में लिपटा हुआ पहुंचा क्या तुमने उसके साहस का दावा किया? या फिर तुमने उसके परिवार के लिए प्रार्थना की? गोलियां चली और उस लड़की का कलम पहले गिर पड़ा क्या तुमने इसे दिव्य इंसाफ की तरह देखना चुना? या तुमने उसका गिरा कलम उठाने की कोशिश की? क्या तुम्हारा मुंह दमकते हुए स्टैचू को देखकर खुला रह गया था? या तुम्हारी नज़र रोड पर खड़े उन नंगे पांव वाले गांव वालों पर गई? क्या तुमने उन लाखों तीर्थयात्रियों की उपलब्धि पर गौरव महसूस किया? या तुम्हें उन मौन हुए शिशुओं की आवाजें सुनाई दीं? क्या तुमने नफरत को चुना? क्या तुमने कट्टरपन को चुना? क्या तुमने पतनशील महिमा चुनी? क्या तुमने उदासीनता चुनी? क्या तुमने कुछ चुना या नहीं चुना? क्या तुमने किसी भी विकल्प को न देखना चुना? या तुमने दया चुनी? तुमने नेकी चुनी? क्या तुमने मानवता को चुना? क्या तुमने न्याय को चुना? क्या तुमने प्रेम को चुना? क्या तुमने कुछ भी चुना? इतिहास की उस तरफ को चुनो जहां तुम रहना चाहते हो तुम्हारे बच्चे इस क्षण तुम्हारे चुनाव को याद रखेंगे. तुम कैसे याद रहना चाहते हो?
नीरज 'मसान' (2015) जैसी फिल्म के डायरेक्टर रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' (2012) में भी बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया है.
Video: Urmila Matondkar Full Interview | Mumbai North Elections | Loksabha Elections 2019  

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement