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गगनयान मिशन से पहले ही अंतरिक्ष जा रहा ये भारतीय पायलट, NASA ने की बड़ी घोषणा

Gaganyaan Mission के जरिए भारत अंतरिक्ष में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है. इस मिशन के सफल होते ही भारत कुछ विशेष देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा. लेकिन उससे पहले ही अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने बड़ी घोषणा कर दी है.

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Gaganyaan Mission के अंतरिक्ष यात्री. (फोटो-ISRO)

इस साल फरवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स (Gaganyaan Mission Astronauts) को एस्ट्रोनॉट्स विंग पहनाते हुए उनके नाम की घोषणा की थी. अब इन चार में से एक एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA अपने अंतरिक्ष स्टेशन ISS भेजने की तैयारी में है. यानी कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा करने वाले हैं.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ISRO ने शुक्रवार 2 अगस्त को एक बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी है. ISRO के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) ने ISS के लिए अपने आगामी एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 mission) के तहत अमेरिका स्थित स्पेस कंपनी एक्सिओम के साथ एक अंतरिक्ष उड़ान समझौता (SFA) किया है. इस मिशन में दो भारतीय शामिल होंगे. जिन्हें प्रमुख और बैकअप मिशन पायलट की कमान संभालनी होगी.

ISRO के जारी बयान के अनुसार, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला प्राइमरी मिशन पायलट होंगे. जबकि भारतीय वायु सेना के एक अन्य अधिकारी ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर, बैकअप मिशन पायलट होंगे. इस मिशन के लिए दोनों अधिकारियों का प्रशिक्षण अगस्त में शुरू होगा. मिशन के दौरान अधिकारी ISS पर जरूरी वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन से जुड़े प्रयोग करेंगे. साथ ही वो अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में भी शामिल होंगे.

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कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 अक्टूबर 1985 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु की मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है. वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में उन्हें 17 जून 2006 में शामिल किया गया. वो एक फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं. साथ ही टेस्ट पायलट भी. उनके पास 2000 घंटे का उड़ान अनुभव है. उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं. 

क्या है Gaganyaan Mission?
गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाना है और भारत की मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने की क्षमता का प्रदर्शन करना है. गगनयान मिशन के सफल होने पर भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बन जाएगा, जिसने अंतरिक्ष में मानवयुक्त मिशन भेजा हो. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ये उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.

पिछले साल, भारतीय वायु सेना के चार टेस्ट पायलटों का चयन किया गया और गगनयान मिशन के लिए उनका प्राथमिक प्रशिक्षण बेंगलुरु में इसरो की अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में शुरू किया गया. इनके नाम हैं- ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्ण और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला. इन चारों के पास फाइटर जेट्स उड़ाने का अनुभव है. अब इन्हें 'गगनयात्री' भी कहा जाता है. 

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