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'यूपी में कोडीन कफ सिरप से नहीं हुई है एक भी मौत', सीएम योगी आदित्यनाथ का दावा

UP Codeine Cough Syrup Case: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप विवाद पर विपक्ष को ही घेरने का प्रयास किया. उन्होंने आरोप लगाया कि नकली कफ सिरप बेचने वाले एक बड़े थोक विक्रेता को सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ही लाइसेंस दिया गया था.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कफ सिरप विवाद पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. (Photo: X)

उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप मामले की चल रही जांच के बीच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यूपी में कोडीन कफ सिरप पीने से एक भी मौत नहीं हुई है. मुख्यमंत्री योगी ने यूपी विधानसभा में विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में बने कफ सिरप से अन्य राज्यों में मौतें हुई हैं, लेकिन यूपी में नहीं.

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सीएम योगी ने यह भी कहा कि नकली कफ सिरप बेचने वाले एक होल सेलर (थोक विक्रेता) को सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान लाइसेंस दिया गया था. उन्होंने पूरे विवाद पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा,

उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से कोई मौत नहीं हुई है. दूसरा, इस मामले में NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में यह केस जीत लिया है. तीसरा, उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े होलसेलर, जिसे STF ने सबसे पहले पकड़ा था, उसे 2016 में समाजवादी पार्टी ने लाइसेंस दिया था.

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यूपी में नहीं बनती नकली दवाई: योगी

उन्होंने आगे कहा कि इन दवाइयों का निर्माण यूपी में होता ही नहीं है. यूपी में केवल इसके जमाखोर और थोक विक्रेता मौजूद हैं. नकली दवाइयों के खिलाफ सरकार सख्त है और लगातार FSDA (Food Safety and Drug Administration) इन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि इस केस की गहराई में जाने पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग सामने आ रहे हैं. लोहिया वाहिनी के एक पदाधिकारी के अकाउंट से अवैध ट्रांजैक्शन हुआ है, जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है.

सीएम योगी ने कहा कि जो भी इस कांड में शामिल है, उस पर एक्शन होगा और दोषियों पर बुलडोजर से कार्रवाई होगी, तब विपक्ष शोर न मचाए. इससे पहले यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने नकली कफ सिरप मामले को लेकर हंगामा किया. सपा विधायक अतुल प्रधान ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए पूछा कि अब सरकार के बुलडोजर कहां सो रहा है. उन्होंने मामले के आरोपी की फोटो सीएम योगी के साथ दिखाई. इस पर सीएम ने कहा, 'चोर की दाढ़ी में तिनका'.

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क्या है कफ सिरप विवाद?

आजतक के अनुसार यूपी का कफ सिरप विवाद मुख्य रूप से करीब 2,000 करोड़ रुपये के अवैध नशीली दवाओं के कारोबार से जुड़ा है. आरोप है कि इसमें नेता, माफिया और बड़े-बड़े रसूखदार शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी, जौनपुर और लखनऊ सहित कई जिलों में कोडीन-आधारित कफ सिरप के एक बड़े अवैध नेटवर्क का खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि 57 करोड़ से अधिक की मूल्य की 37 लाख से अधिक बोतलें फर्जी कागजात, शेल कंपनियों और जाली लाइसेंसों के माध्यम से बेची गईं. यूपी सरकार ने मामले की जांच के लिए एक SIT भी गठित की है. इसके अलावा ईडी (Enforcement Directorate) पैसों के लेन-देन (Money Laundering) की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें- कोडीन युक्त सिरप तस्करी केस में बड़ा खुलासा, SIT रिपोर्ट में अखिलेश सरकार दौर के लाइसेंस पर सवाल

क्या है कोडीन?

बता दें कि कोडीन एक नियंत्रित पदार्थ है, जिसका उपयोग गंभीर खांसी के लिए होता है, लेकिन इसका बड़े पैमाने पर नशे के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था. इसकी यूपी से बिहार, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि बांग्लादेश में तस्करी की जा रही थी.

वीडियो: कफ सिरप रैकेट के आरोपी की धनंजय सिंह के साथ फोटो, मामला क्या है?

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