इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) के बयान अक्सर ही चर्चा का विषय बन जाते हैं. इस वजह से वो ट्रोल्स के निशाने पर भी आते रहते हैं. हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बड़ी बहस भी छिड़ी थी. अब उन्होंने पैरेंटिंग को लेकर एक बयान (Narayana Murthy remarks on parenting) दिया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर ट्रोल (Narayana Murthy trolled) आर्मी फिर एक्टिव हो गई है.
दरअसल, बेंगलुरु में 9 सितंबर को एक कार्यक्रम के दौरान नारायण मूर्ति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में अनुशासित माहौल बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी है. माता-पिता यह उम्मीद करते हुए फिल्में नहीं देख सकते कि बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाएंगे. उन्होंने कहा,
72 घंटे काम करो और फिर ये सब भी... नारायण मूर्ति के पैरेंटिंग टिप्स सुन लोग बुरी तरह झुंझला गए
Narayana Murthy ने पैरेंटिंग को लेकर एक बयान दिया है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.

“अगर माता-पिता फिल्में देखने जा रहे हैं और फिर कह रहे हैं कि 'बच्चों- तुम पढ़ाई करो', तो इस बात का कोई मतलब नहीं है. मेरी पत्नी कहा करती थीं कि अगर मैं खुद टीवी देख रहा हूं और तब बच्चों को पढ़ने के लिए कह रहा हूं, तो इसका कोई मतलब नहीं है.”
नारायण मूर्ति ने आगे बताया कि अपने बच्चों की स्कूलिंग के दौरान वो और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति, बच्चों के साथ पढ़ने के लिए हर दिन साढ़े तीन घंटे से अधिक समय निकालते थे. उनका ये बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग तंज कसने लगे. पिछले साल दिए गए उनके 70 घंटे काम करने वाले बयान को भी जोड़ा गया. एक यूजर ने लिखा,
“आपकी सलाह के अनुसार अगर माता-पिता 72 घंटे काम करेंगे तो वो बच्चों को समय कब देंगे?”
एक और यूजर ने लिखा,
“उस समय टेक्नोलॉजी नहीं थी, इसलिए वो ऐसी बातें कर रहे.”
एक अन्य यूजर ने लिखा,
“अगर 14 घंटे काम करूं, फिर 3.5 घंटे बच्चों के साथ पढ़ाई करूं, डेढ घंटा हमें ऑफिस आने जाने में लग जाता है तो फिर खाना बनाने, खाने और सोने का समय कब मिलेगा.”
हालांकि कई लोगों ने नारायण मूर्ति के इस बयान का समर्थन भी किया. एक यूजर ने लिखा,
“यह वाकई में एक सही सलाह है. मैं इसका पालन जरूर करूंगा.”
एक और यूजर ने लिखा,
“मैं चीजों को एकदम ज्यों का त्यों बताने के उनके तरीके की सराहना करता हूं. प्रणाम सर.”
एक शख्स ने लिखा-
'यदि लोग सप्ताह में 72 घंटे काम करना शुरू कर देंगे जैसा कि मूर्ति ने 2023 में वकालत की थी, तो क्या अपने बच्चों के साथ समय बिताना संभव होगा?'
बताते चलें कि पिछले साल यानी 2023 में एक पॉडकास्ट के दौरान नारायण मू्र्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है और चीन जैसे देशों के साथ कम्पीट करने के लिए भारत के युवाओं को एक्स्ट्रा घंटे काम करना होगा.
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उन्होंने आगे सलाह दी थी कि देश के युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे तक काम करना चाहिए. उनके इस बयान पर खूब बहस हुई थी. हालांकि बाद में इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू के दौरान मूर्ति ने साफ कर दिया था कि 70 घंटे वाला नंबर महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि कड़ी मेहनत को लेकर फोकस्ड होना है.
वीडियो: 'हफ्ते में 70 घंटे काम' नारायण मूर्ति खुद हफ्ते में कितने घंटे काम किया है, सुधा मूर्ति ने बता दिया