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नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीन ने लड़ाकू विमान रवाना किए, पूरे दक्षिण एशिया में टेंशन

नैंसी पेलोसी ने कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए.

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(बाएं-दाएं) अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी और चीनी लड़ाकू विमान. (फोटो- ताइवान विदेश मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट और इंडिया टुडे.)

अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा पूरे दक्षिण एशिया के लिए टेंशन बन गया है. चीन की लगातार धमकियों के बाद भी नैंसी पेलोसी भारतीय समयानुसार मंगलवार 2 अगस्त की शाम को ताइवान पहुंच गईं. उनके वहां आते ही चीन ने एक बार फिर कहा कि अमेरिका का यह कदम 'काफी खतरनाक' है. उसने धमकी भरे लहजे में कहा कि अमेरिका आग से खेल रहा है. इस बीच ये भी खबर आई कि चीन ने ताइवान के खिलाफ ‘टारगेटेड सैन्य अभियान’ का संकल्प कर लिया है.

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नैंसी कैलिफॉर्निया से डेमोक्रैटिक पार्टी की सांसद हैं और अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर भी हैं. ताइवान पहुंचते ही नैंसी ने ट्विटर पर लिखा कि वो लोकतंत्र का सम्मान करती हैं. पेलोसी ने अपना एक लेख शेयर करते हुए कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता और सभी लोकतंत्रों का सम्मान किया जाना चाहिए. अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर का 25 सालों में यह पहला ताइवान दौरा है.

अमेरिका आग से खेल रहा- चीन

नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीन ने आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया दी है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के 21 मिलिट्री एयरक्राफ्ट उसके एयर डिफेंस आइंडेटिफिकेशन जोन (ADIZ) में घुसे हैं.

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उधर चीन ने यहां तक कह दिया कि वह इस दौरे के जवाब में 'टारगेटेड मिलिट्री कार्रवाई' करेगा. समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा, 

"अमेरिका लगातार 'वन चाइना' नीति का उल्लंघन कर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका के ये कदम आग से खेलने जैसा और काफी खतरनाक है. जो आग से खेलेगा वो उसी में तबाह होगा."

नैंसी के ताइवान पहुंचने से पहले भी चीन लगातार धमकी दे रहा था. ताइवान चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर बसा एक स्वतंत्र देश है. लेकिन चीन इसे अपने ही एक प्रांत के रूप में देखता है. वो ताइवान की स्वायत्ता को नहीं मानता है. जबकि ताइवान का अपना संविधान है और चुनी हुई सरकार है. इसके बावजूद चीन लगातार इसे अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करता रहा है.

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ताइवान के लोकतंत्र का सम्मान- पेलोसी

उधर, ताइवान पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया. इसमें उन्होंने कहा, 

"अमेरिका ताइवान के जीवंत लोकतंत्र को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का यह ताइवान दौरा इस प्रतिबद्धता का सम्मान करता है. हमारा यह दौरा हिंद-प्रशांत क्षेत्र- सिंगापुर, मलेशिया, साउथ कोरिया और जापान के लंबे दौरे का हिस्सा है. ये दौरा परस्पर सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन के मुद्दों पर केंद्रित है."

पेलोसी ने बयान में आगे कहा है, 

"ताइवान नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत एक मुक्त और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र सहित हमारे साझा हितों को बढ़ाने पर केंद्रित है. ताइवान के 2.3 करोड़ लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि दुनिया तानाशाही और लोकतंत्र के बीच एक विकल्प चुनने का सामना कर रही है."

नैंसी पेलोसी ने ये भी कहा कि उनका यह दौरा किसी तरीके से यूएस नीतियों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि ताइवान रिलेशंस एक्ट 1979 और यूएस-चीन समझौतों के अनुसार ही है. उन्होंने बयान में कहा कि अमेरिका यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशों का उल्लंघन करता है.

ताइवान ने नैंसी पेलोसी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के इस दौरे का स्वागत किया है. ताइवान विदेश मंत्रालय ने नैंसी पेलोसी और कांग्रेस डेलिगेशन की तस्वीरों को ट्विटर पर साझा किया है.

इस बीच चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ट्विटर पर बताया है कि चाइनीज आर्मी (PLA) गुरुवार से रविवार के बीच ताइवान द्वीप के आसपास सैन्य अभ्यास करेगी. इसके मुताबिक, ताइवान के नजदीक के 6 क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास और लाइव फायर ड्रिल्स सहित दूसरी ट्रेनिंग एक्सरसाइज होंगी.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूएस स्पीकर के दौरे के जवाब में चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका और 'स्वतंत्र ताइवान' की बात करने वाले अलगाववादी ताकतों को सभी परिणाम भुगतने होंगे.

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