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'म्यांमार के रखाइन से फौरन निकलिए... ' भारतीयों से अचानक ये क्यों कहा गया है?

Myanmar में रहने वाले Indians के लिए MEA ने एक एडवाइजरी जारी की है, कहा है कि वहां के Rakhine State (रखाइन राज्य) में बिलकुल न जाएं. ऐसा क्या हुआ जो अचानक ये एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है?

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रखाइन में परेशानी बढ़ने वाली है | प्रतीकात्मक फोटो: AFP/इंडिया टुडे

म्यांमार (Myanmar) को लेकर एक एडवाइजरी जारी हुई है. इसे भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने जारी किया है. मंगलवार, 6 फरवरी को जारी की गई इस एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों को म्यांमार का रखाइन राज्य छोड़ने को कहा गया है. जो भारतीय वहां जा रहे हैं, उन्हें न जाने की सलाह दी गई है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रखाइन में रह रहे भारतीय नागरिक तुरंत यहां से किसी दूसरे सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं.

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न्यूज़ एजेंसी PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा है,

'म्यांमार के रखाइन में सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है. लैंडलाइन सहित दूरसंचार के अन्य साधनों में भारी डिस्टर्बेंस है. रोजमर्रा की जरूरी चीजों की गंभीर कमी होती जा रही है. इसे देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे म्यांमार के रखाइन राज्य की यात्रा न करें, जो भारतीय नागरिक पहले से ही रखाइन में हैं, उन्हें तुरंत यहां से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है.'

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विदेश मंत्रालय के मुताबिक म्यांमार में रहने की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों को सलाह है कि यांगून स्थित भारतीय दूतावास में अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें. इससे नागरिकों को इमरजेंसी की स्थिति में मदद मिल सकेगी.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 1 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने कहा था कि म्यांमार में बिगड़ती स्थिति से भारत चिंतित हैं, क्योंकि इसका सीधा असर उसपर भी पड़ रहा है. उनके मुताबिक एक पड़ोसी देश और म्यांमार के मित्र के रूप में भारत लंबे समय से हिंसा को खत्म करने और संघीय लोकतंत्र बहाल करने की वकालत करता रहा है.

Myanmar में आखिर हुआ क्या है?

म्यांमार में 1 फरवरी, 2021 को वहां की सेना ने तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था. वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था. सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी.

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इसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध चल रहा है. लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई बार ये प्रदर्शन हिंसक भी हुए हैं. म्यांमार की आर्मी अपने विरोधियों चुन-चुनकर निशाना बना रही है.

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Myanmar में शुरू हो गई सीधी लड़ाई

म्यांमार में कई जातीय समूहों ने सेना के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार उठाए हैं. इसके बाद से देश में हिंसा बढ़ी है. अक्टूबर, 2023 में रखाइन राज्य में स्थित जातीय संगठन - यूनाइटेड लीग ऑफ़ अराकान - सहित तीन जातीय समूहों ने आर्मी की कुछ टुकड़ियों पर हमला कर दिया था. हमला इतना जबरदस्त था कि उन्होंने कुछ कस्बों और सैन्य चौकियों पर भी कब्जा जमा लिया. दिसंबर 2023 में इन समूहों के डर से करीब 151 म्यांमारी सैनिक सीमा पार कर मिजोरम में आकर छिप गए थे.

कुल मिलाकर अब दोनों तरफ से जंग जारी है और आने वाले समय में इसके और तेज होने की आशंका है. इसीलिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.  

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