लेबनान में हुए पेजर (Lebanon Pager Attack) और वॉकी-टॉकी विस्फोट में हिजबुल्लाह (Hezbollah) समूह के 32 लोगों की मौत हो गई. वहीं 3 हजार से अधिक लोग घायल हैं. इस विस्फोट के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है. इससे पहले अटकलें लगाई गईं कि इन उपकरणों को हैक किया गया था या डिलीवरी से पहले इनमें गड़बड़ी की गई थी. लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार, मोसाद (Mossad) ने पेजर्स बनाने के लिए एक शेल (फर्जी) कंपनी बनाई थी. और इन पेजर्स के निर्माण में शामिल था.
लेबनान में पेजर को हैक नहीं किया गया बल्कि मोसाद ने खुद बनाया? इजरायली चक्रव्यूह में ऐसे फंसा हिजबुल्लाह!
Pager Blast in Lebanon: रिपोर्ट्स के मुताबिक पेजर बनाने के लिए Israel की खुफिया एजेंसी Mossad ने एक फर्जी कंपनी बनाई. Pagers के निर्माण में Mossad की भूमिका रही. इसमें लंबा समय लगा.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस हमले की जानकारी रखने वाले इजरायल के 12 मौजूदा और पूर्व रक्षा और खुफिया अधिकारियों से बात की है. उन्होंने पहचान ना उजागर करने की शर्त पर बताया है कि इन हमलों के पीछे इजरायल का हाथ था. उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन जटिल था और इसके लिए लंबे समय तक तैयारी करनी पड़ी थी.
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लेबनान में इजरायल के हवाई हमलों में जब हिजबुल्लाह के कमांडो मारे गए, तो उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला कि अगर इजरायल उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है तो हिजबुल्लाह निम्न तकनीक का इस्तेमाल करेगा. हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने कहा कि इजरायल इन हमलों के लिए सेलफोन नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है. इसके कारण उन्होंने अपने सदस्यों से मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचने को कहा.
Hassan Nasrallah ने बनाया दबावअमेरिकी इंटेलिजेंस के आकलन के अनुसार, नसरल्लाह हिजबुल्लाह पर पेजर में निवेश करने के लिए दबाव बना रहे थे. क्योंकि उनका मानना था कि पेजर के जरिए यूजर के जगह या दूसरी जानकारियों के साथ समझौता किए बगैर डेटा प्राप्त किया जा सकता है.
इजरायली खुफिया अधिकारियों ने इसमें एक मौका देखा. नसरल्लाह के पेजर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से पहले ही उन्होंने एक शेल कंपनी बनाने की योजना शुरू कर दी. इस कंपनी ने खुद को एक ‘इंटरनेशनल पेजर प्रोड्यूसर’ के रूप में पेश किया. कंपनी को नाम दिया गया- BAC Consulting.
ये एक ऐसी कंपनी थी जो ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर डिवाइस बनाती थी. लेकिन असल में इस कंपनी के पीछे इजरायल का हाथ था. इस ऑपरेशन की जानकारी रखने वाले तीन खुफिया अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि पेजर बनाने वाले लोगों की असली पहचान छिपाने के लिए कम से कम दो और शेल कंपनियां बनाई गई थी.
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बैटरी में लगा था विस्फोटकखुफिया अधिकारियों के अनुसार, BAC ने साधारण ग्राहकों के लिए भी पेजर बनाए जो आम पेजर्स की ही तरह थे. लेकिन उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्राहक था- हिजबुल्लाह. उन्होंने हिजबुल्लाह के लिए जो पेजर्स बनाए, वो नॉर्मल तो बिल्कुल भी नहीं थे. उनमें PETN (पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट) विस्फोटक वाली बैटरियां लगी थीं.
2022 की गर्मियों में भी लेबनान में पेजर्स की डिलीवरी हुई थी. नसरल्लाह ने जब मोबाइल फोन की आलोचना की तो पेजर्स बनाने के काम में तेजी लाई गई.
सहयोगियों की रिपोर्ट पर नसरल्लाह ने किया था फैसलादरअसल, नसरल्लाह के सहयोगियों ने उनको रिपोर्ट दी थी कि इजरायल ने फोन हैकिंग के नए तरीके खोज लिए है. इसमें फोन के माइक्रोफोन और कैमरों को रिमोटली कंट्रोल करके जासूसी करने की आशंका जताई गई. खुफिया अधिकारियों के अनुसार, इस तकनीक को विकसित करने में इजरायल ने लाखों रुपये का निवेश किया था. इसके बाद हिजबुल्लाह और उसके सहयोगियों के बीच ये बात फैल गई कि कोई मोबाइल फोन या कोई एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप भी अब सुरक्षित नहीं है.
Nasrallah का आदेश आयानसरल्लाह ने आदेश दिया कि मोबाइल पर कोई भी खुफिया जानकारी ना दी जाए. उन्होंने हिजबुल्लाह के अधिकारियों को हर समय अपने साथ पेजर रखने का आदेश दिया. युद्ध की स्थिति में पेजर का इस्तेमाल, लड़ाकों को ये बताने के लिए किया जाएगा कि उन्हें कहां जाना है.
दो अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, गर्मियों के दौरान ही लेबनान में पेजर की खेप में वृद्धि हुई, हजारों की संख्या में पेजर देश में पहुंचे और हिजबुल्लाह अधिकारियों और उनके सहयोगियों के बीच बांट दिए गए. हिजबुल्लाह के लिए, वो एक सुरक्षा का उपाय था, लेकिन इजराइल में खुफिया अधिकारियों ने पेजर को ‘बटन’ कह के संबोधित किया. जिसे समय आने पर दबाया जा सकता था.
ऐसे हुआ विस्फोटतीन इजरायली खुफियां अधिकारियों ने बताया कि 17 सितंबर को पेजर्स को एक्टिवेट करने का आदेश दिया गया. विस्फोट को शुरु करने के लिए इजरायल ने पेजर को ‘बीप’ करने के लिए ट्रिगर किया. और उन्हें अरबी में एक मैसेज भेजा जिससे लगा कि ये हिजबुल्लाह के वरिष्ठ नेतृत्व की ओर से आया है.
कुछ सेकेंड के बाद ही लेबनान में अराजकता की स्थिति बन गई. सड़कों पर एंबुलेंस की कतार लग गई, अस्पताल भर गए. खबर लिखे जाने तक इजरायल ने आधिकारिक रूप से ना तो इस हमले की जिम्मेवार ली है और नाही इनकार किया है.
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