रूस की राजधानी मॉस्को के बाहरी इलाके में मौजूद एक कॉन्सर्ट हॉल में गोलीबारी की घटना हुई है. इस हमले में अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. रूसी विदेश मंत्री ने इसे एक आतंकी हमला करार दिया है. वहीं यूक्रेन ने इस हमले में हाथ होने से इनकार किया है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हमला मॉस्को के उत्तर पश्चिमी इलाके - क्रास्नोगोसर्क - के क्रॉकस सिटी हॉल रीटेल एंड कॉन्सर्ट कॉम्प्लेक्स में हुआ है. यहां पिकनिक नाम के एक रूसी रॉक ग्रुप के कार्यक्रम का आयोजन होना था. कॉन्सर्ट शुरू होने से ठीक पहले चार बंदूकधारियों ने यहां आए लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.
मॉस्को को दहलाने वाले ISKP की पूरी कहानी, कैसे बन गया इतना खतरनाक संगठन?
Russia की राजधानी मॉस्को (Moscow) के एक कॉन्सर्ट हॉल में हुए आतंकी हमले में अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISKP ने ली है, ISKP कैसे बना इतना खतरनाक संगठन? इसका अफगानिस्तान से क्या रिश्ता है?
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रूस में हुए इस हमले की जिम्मेदारी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट की क्षेत्रीय सहयोगी - इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) - ने ली है. ISKP का कहना है कि जिन बंदूकधारियों ने हमला किया वो यहां से बच कर भाग चुके हैं. उधर, अमेरिका ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट के इस दावे पर भरोसा न करने की कोई वजह नहीं है.
ISKP कैसे बना खतरनाक संगठन?इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस यानी ISKP. इसका गठन 2015 में हुआ था. ये इस्लामिक स्टेट फ़ॉर इराक़ एंड सीरिया (ISIS) की एक ब्रांच है. जिसे IS या दाएश भी कहते हैं. ISKP के बनने की कहानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) में हुई फूट से जुड़ी है.
2014 की बात है, पाक आर्मी के ऑपरेशन में TTP को ज़बरदस्त नुकसान पहुंचा. TTP के कई बड़े कमांडर भागकर अफगानिस्तान चले गए. उन्होंने नांगरहार और कुनार जैसे इलाकों में शरण ली. उसी में एक कमांडर मुल्ला सईद ओरकज़ई उर्फ़ हाफ़िज़ सईद ख़ान भी था. वो TTP के फ़ाउंडिंग मेंबर्स में से एक था. पाक आर्मी के ऑपरेशन के बाद हाफिज सईद खान के लिए पाकिस्तान में रहकर ऑपरेट करने की संभावना नहीं बची थी. अक्टूबर 2014 में उसने TTP को छोड़ दिया. और इसके बदले दाएश (IS) में शामिल हो गया और अबूबक्र अल-बग़दादी को अपना नेता मान लिया. बग़दादी ने जनवरी 2015 में उसको IS की अफगानिस्तान ब्रांच की कमान सौंप दी.
इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्जबेकिस्तान और मध्य एशिया के दूसरे चरमपंथी संगठनों के साथ जुड़कर ISKP ने खुद को एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में स्थापित कर लिया. हाफिज सईद खान ने पाकिस्तान के स्ट्रेटजिक बॉर्डर एरिया में सघन भर्ती अभियान चलाया. इस अभियान के चलते ISKP का मजबूत नेटवर्क तैयार हो गया. कुख्यात तोरा बोरा की गुफाओं सहित प्रांत के कई क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर ISKP ने अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत को अपने गढ़ के रूप में स्थापित कर लिया.
ISKP के नाम में 'खुरासान' जुड़ने की एक दिलचस्प कहानी है. खुरासान सातवीं सदी में इस्लामी खिलाफत का हिस्सा रहे एक प्राचीन इलाके का नाम है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है उगते सूर्य की धरती. मौजूदा समय में ख़ुरासान के कुछ-कुछ हिस्से अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान में फैले हुए हैं. इस्लामिक स्टेट उस दौर को लौटाना चाहता है. इसलिए, उसने अफगानिस्तान वाले ब्रांच को ख़ुरासान का नाम दिया था.
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ISKP के बड़े आतंकी हमले# 2017 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो में बम विस्फोट किया गया था जिसमें 15 लोग मारे गये और 45 लोग घायल हो गये थे.
# 26 अगस्त 2021 को काबुल इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर सुसाइड ब्लास्ट. इस धमाके में 183 लोग मारे गए. इनमें से 13 यूएस मिलिट्री से थे. ज़िम्मेदारी ISKP ने ली. बदले में अमेरिका ने नांगरहार में हवाई हमले किए.
# 29 अप्रैल 2022 को काबुल में सूफी मस्जिद पर बम धमाका. 50 लोगों की मौत.
# 18 जून 2022 को काबुल में एक गुरुद्वारे पर गोलीबारी. ISKP का दावा, नुपूर शर्मा के विवादित बयान का बदला लिया.
# 05 सितंबर 2022 को रूसी दूतावास के बाहर बम धमाका. इसमें आठ लोग मारे गए. इनमें दो लोग रूसी दूतावास के स्टाफ से भी जुड़े थे.
# 30 सितंबर 2022 को दश्त-ए-बार्ची में एक कोचिंग सेंटर में आत्मघाती हमला. न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में कम से कम 52 लोग मारे गए. हताहत होने वालों में अधिकतर बच्चे थे.
# 12 दिसंबर 2022 को काबुल में लोंगन होटल पर गोलीबारी. ये होटल अफगानिस्तान आने वाले चीनी नागरिकों में पॉपुलर था. इसमें किसी भी चीनी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा. तीनों हमलावरों को मार गिराया गया.
# 4 जनवरी 2024 ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे क़ासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर हो रहे समारोह में बम धमाका. 103 लोगों की मौत.
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