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भिवानी कांड के आरोपी 'गोरक्षक' मोनू मानेसर की पूरी कुंडली

मोनू भड़काऊ बयान देता रहा है. कुछ दिन पहले ताबड़तोड़ फायरिंग करते दिखा था. गोली एक मुस्लिम बच्चे को लगी थी.

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तस्वीर में बाईं तरफ हथियारों के साथ मौजूद मोनू मानेसर. (फोटो: सोशल मीडिया)

हरियाणा के भिवानी कांड (Bhiwani Case) में नासिर और जुनैद (Nasir And Junaid) नाम के दो शख्स के कंकाल एक गाड़ी से मिले हैं. आरोप है कि दोनों को पहले किडनैप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई. आरोपी में एक नाम मोनू मानेसर (Monu Manesar) का है. FIR में उसका नाम लिखा गया है. इधर, मोनू का कहना है कि वो बेगुनाह है. उसने दावा किया है कि उसके पास अपनी बेगुनाही के सबूत भी हैं. उसने सोशल मीडिया पर कुछ CCTV फुटेज भी शेयर किए हैं. उसका कहना है कि जिस दिन हत्या की बात कही जा रही है, वो और उसके साथी गुरुग्राम के एक होटल में रुके थे. 

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मोनू मानेसर काफी चर्चित शख्स है. उसका नाम पहले भी कई मामलों में आ चुका है. मोनू ने 28 जनवरी को कथित तौर पर 22 साल वारिस को पकड़ा था. वारिस पर आरोप लगाया गया था कि वो गोतस्करी में शामिल है. कुछ समय बाद अस्पताल में वारिस की मौत हो गई थी. मोनू ने वारिस से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था. वारिस के घरवालों ने आरोप लगाया कि मोनू मानेसर और उसके साथियों ने वारिस की पिटाई की, जिसके बाद वारिस की मौत हो गई. मोनू खुद को गोरक्षक बताता है. मोनू कह चुका है,

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'मैं गायों के बीच पला बढ़ा हूं और गायों में मेरी अटूट आस्था है और उनकी रक्षा करना मेरा धर्म है. साल 2012 के वक्त मैं कॉलेज में छात्र हुआ करता था. उस दौरान एक दिन पुलिस ने एक ट्रक जब्त किया था. ट्रक में खून से लथपथ गायों की लाशें थी, उसी दिन से मैंने सोच लिया था मैं किसी भी गाय को मरने नहीं दूंगा.' 

मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोनू हरियाणा के बजरंग दल का सदस्य है. साल 2011 में मोनू ने बजरंग दल की सदस्यता ली थी. साथ ही मोनू मानेसर हरियाणा सरकार की ‘काऊ टास्क फोर्स' का चेहरा है. मोनू मानेसर की टीम में करीब 50 लोग काम करते हैं. उसकी टीम साल 2017 से काफी एक्टिव है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये टीम हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करती है. मोनू मानेसर की टीम हरियाणा के पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूह और पलवल समेत आस-पास के इलाकों में एक्टिव है. 

अब सवाल उठता है कि आखिर ये ‘काऊ टास्क फोर्स’ है क्या? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2020 में हरियाणा सरकार ने जिला स्तर पर 11 सदस्यों वाली ‘काऊ टास्क फोर्स’ का गठन करने का फैसला किया था. इस टास्क फोर्स काम था मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना. 

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सिविल डिफेंस टीम का भी हिस्सा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनू सिविल डिफेंस टीम का भी सदस्य है. कई जगह वो सिविल डिफेंस के कपड़ो में काम करता नजर आया है. उसने अपने इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरें भी पोस्ट की हैं. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों के साथ भी मोनू मानेसर की कई फोटो मौजूद हैं.

मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है. वो गाड़ियों का पीछा करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो लाइव स्ट्रीम करता है. वीडियो में बताता है  कि वो तस्करी करने वालों का पीछा कर रहा है. साथ ही कथित तस्करों को पकड़ने के बाद उनके साथ पूछताछ के वीडियो अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है. गाड़ियों पर चढ़कर फोटो खिंचवाता है. सोशल मीडिया पर उसके अच्छे खासे फॉलोवर्स हैं.

भड़काऊ बयानबाजी

मोनू के कई विवादित बयान भी सामने आते रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2021 के जुलाई महीने की 4 तारीख को हरियाणा के पटौदी में हिंदू महापंचायत का आयोजन हुआ था यहां मोनू ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा था, 

'भाइयों यहां पर एक समाधान होना चाहिए. जो भी लव जिहाद करते हैं, उनकी लिस्ट हमें दें. मैं और मेरी टीम उनको खुल्ला मारेगी. हम किसी केस से नहीं डरते हैं. मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन अपने बड़े भाई यहां बैठे भी हैं वो फुल पैरवी करेंगे. कोई दिक्कत नहीं है. जो लव जिहाद करेगा, जो हमारी बहन बेटियों को छेड़ेगा उसको मारने का काम हम और हमारी टीम करेगी और हमारे युवा साथी करेंगे. उनसे अपना कोई कंप्रोमाइज नहीं है. जो अपने धर्म पर उंगली उठा देंगे. उनको सिर्फ और सिर्फ मारने पर ही हमारा समाधान होगा नहीं तो कोई समाधान नहीं हो सकता है. ये उन भाषणों से समाधान नहीं होगा, उनको मारना ही पड़ेगा भाई. जय श्री राम.'

मोनू ने अपने इस भाषण के बाद तालियों की गूंज के बीच मंच छोड़ा. मोनू मानेसर लगातार भड़काऊ बयान देता रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार उसने कहा,

'हिंदू के गद्दारों को गोली मारो *** को'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई 2022 में मानेसर के एक मंदिर में एक पंचायत आयोजित हुई थी. इस पंचायत में मोनू ने मुस्लिम समुदाय से आने वाले दुकानदारों के बहिष्कार की बात कही थी.

वारिस वाला मामला क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोनू और उसकी टीम के कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनू और उसकी टीम ने 28 जनवरी को तावड़ू में गोतस्करी के शक में एक 22 साल के युवक को पकड़ा था, जिसका नाम वारिस था. मोनू के सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका वीडियो भी डाला गया. वारिस के घरवालों का कहना है कि मोनू ने उसकी पिटाई की, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. घरवालों का कहना है कि वीडियो में मोनू, वारिस और उसके साथियों से पूछताछ करता नजर आ रहा है.

इधर पुलिस का कहना है कि वारिस की मौत एक्सीडेंट में हुई है. पुलिस का कहना है कि वारिस अपने दोस्तों के साथ जा रहा था. इस दौरान उसकी गाड़ी एक टैंपो से टकरा गई. इस पूरे मामले से जुड़ा एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग वारिस की गाड़ी के पास खड़े हैं. ये लोग वारिस और उसके साथियों से पूछताछ कर रहे हैं. इनमें से एक व्यक्ति के पास बंदूक है. ये लोग बजरंग दल से जुड़े बताए जा रहे हैं.

गोली चलाते दिखा

इसी महीने की शुरुआत में मोनू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 6 फरवरी की देर रात पटौदी के बाबर शाह मोहल्ले में दो समुदायों में आपसी विवाद के बीच पत्थरबाजी हुई थी. इस दौरान मोनू मानेसर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए कैमरे में कैद हुआ था. विवाद की शुरुआत सोशल मीडिया पर एक बहस से हुई थी. मोहल्ले की आपसी लड़ाई-झगड़े की बात बजरंग दल तक पहुंची, तो मोनू मानेसर अपनी टीम के साथ मोहल्ले में पहुंचा और फायरिंग करते हुए कैमरे में कैद हो गया था. इस दौरान 20 साल के मोईन के पेट में गोली लगी थी और उसे गंभीर हालत में गुरुग्राम के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

घटना पर मोनू ने किसी भी तरह की फायरिंग से इनकार किया था और कहा था कि दलित परिवार को मुस्लिम परेशान कर रहे थे, इसलिए हमारी टीम वहां गई थी. घटना के बाद मोईन के पिता की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी और पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.

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