The Lallantop

इंडिया का सपना तोड़ने वाले पहलवान के कोच नंगे हो गए

ब्रॉन्ज मेडल नहीं मिला, तो बेमंटी बोलके कपड़े उतार दिए.

Advertisement
post-main-image
फोटो क्रेडिट: reuters
रियो में ओलंपिक का खेला खत्म हो गया है. खेल के आखिरी दिन अपने पूरे मुलुक को पहलवान योगेश्वर दत्त से उम्मीदें थीं. लेकिन मंगोलिया के पहलवान ने योगेश्वर दत्त को पटखनी देकर उम्मीदों का मर्तबान चकनाचूर कर दिया था. इस मंगोलियन पहलवान का नाम है गैंजोरिग मंदाकनरन. लेकिन दिल दुखाने की हाय लग गई गैंजोरिग को. शॉर्ट कालांतर में गैंजोरिग के कोचों के कपड़े उतर गए. कइसे, अइसे...
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

भाई गैंजोरिग योगेश्वर दत्त को हराकर खेल में आगे बढ़ लिया, लेकिन आगे के राउंड्स में ये बंदा जीतकर भी हार गया. और हां, क्योंकि ये बॉलीवुड नहीं है इसलिए इसे बाजीगर भी नहीं कहेंगे. लेट्स मेक इट इजी. दरअसल, मंगोलियन पहलवान ब्रॉन्ज मेडल के लिए उज्बेकिस्तान के पहलवान से लड़ रहा था. मैच खत्म होने से कुछ पहले का स्कोर 6-7 था. लेकिन आखिरी सेकेंड्स में खेला पलटा और रेफरी ने उज्बेकिस्तान के पहलवान को एक पॉइंट देकर 7-7 पर खेला 'अंतिम अध्याय संपन्न भवति' यानी फिनिश कर दिया.
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

रेफरी ने कहा, 'आखिरी सेकेंड्स में गैंजोरिग उज्बेकिस्तान के पहलवान से भागे-भागे फिर रहे थे. वो ऐसा समझ रहे थे कि जैसे वो जीत गए. मैच के वक्त में गैंजोरिंग जश्न मनाने सा लगे, जबकि ये भी पॉसिबल है कि इतनी देर में उज्बेकिस्तान का पहलवान गैंजोरिग को हरा देता.' इस लॉजिक के साथ रेफरी ने एक पॉइंट उज्बेकिस्तान के पहलवान को दिया. गैंजोरिग अपने कोच समेत कहने लगे कि ये गलत है, पर रेफरी ने कहा- सॉरी डूड, माई डिसिजन इज अटल.
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

अब बस इसी बात से गैंजोरिग के दो कोच गुस्सा हो गए. गुस्सा भी इतने कि बच्चों की तरफ लोटने लगे. जैसे छोटे बच्चों की चिज्जी न दिलाओ तो वो रोने लगते हैं. ठीक वैसे ही ये कोच रुंआसे हो गए और वहीं रिंग में ही निक्कर छोड़ अपने सारे कपड़े उतार फेंके.
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

अपने जूते उतारे और वो भी गुस्से से रिंग में फेंक मारे. धीरे-धीरे दोनों कोच 'क्लिक करो होड़ रूपी वेबसाइट के माफिक: देखें हॉट तस्वीरें' नंगे हो लिए.
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

ये दोनों मुंह जमीन के नीचे कर लोट गए. एक कोच बाद में रिपोर्टर से बोले- ये प्रोटेस्ट था. इस रेफरी के साथ कुछ प्रॉब्लम है. मंगोलिया के 30 लाख लोग मेडल का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमारे पास अब भी एक मेडल नहीं है. इसी वजह से हमने ये किया...
फोटो क्रेडिट: reuters
फोटो क्रेडिट: reuters

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement