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नमाज, बस और फिर कंडक्टर का सुसाइड! मोहित यादव की जान जाने की पूरी कहानी

कंडक्टर मोहित यादव की नौकरी छीन ली गई थी. वे तनाव में थे. 3 जून को नमाज वाली घटना के दौरान मोहित और कुछ बस यात्रियों के बीच बहस हुई थी फिर किसने उनकी शिकायत की, इस सब पर मोहित ने क्या सफाई दी थी?

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नमाज वाली घटना के बाद मोहित यादव ने साफ़ कहा था कि बस नमाज पढ़ने के लिए नहीं रोकी गई थी | फोटो: आजतक/ट्विटर

यूपी के बरेली में बस रोककर नमाज पढ़वाने के आरोप में नौकरी गंवाने वाले रोडवेज कंडक्टर (Upsrtc Bus Conductor) ने कथित तौर पर सुसाइड कर लिया है. इनका नाम था मोहित यादव (Mohit Yadav). रविवार, 27 अगस्त की रात को मोहित का शव मैनपुरी में उनके घर के नजदीक रेलवे की पटरियों पर मिला. इस मामले में उनके परिजन और गांव वालों का कहना है कि नौकरी जाने के बाद से मोहित काफी तनाव में रहते थे. लेकिन, घरवालों को कभी ये नहीं लगा कि वो अपनी जान भी दे सकते हैं.

3 जून को मोहित की बस में क्या हुआ था?

हाइवे किनारे नमाज पढ़ने की घटना 3 जून की है. आरोप लगा कि बरेली से दिल्‍ली बॉर्डर पर स्थित कौशांबी जा रही बस के कंडक्टर मोहित यादव ने रास्ते में बस रुकवाकर कुछ लोगों को नमाज पढ़वाई. इस घटना के दौरान बस के कुछ यात्रियों ने आपत्ति जताई और मोहित से सवाल-जवाब करने लगे. यात्रियों को कहना था कि सरकारी बस को बीच रास्ते रोकना सही नहीं है. वहीं मोहित यादव ने सफाई दी कि उन्होंने नमाज के लिए बस नहीं रोकी थी. 

इस घटना के दो दिन बाद एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया, जिसे इस मामले से जुड़ा बताया गया. वीडियो में कुछ यात्री कंडक्टर से सवाल-जवाब कर रहे हैं.

सवारी: ये सरकारी गाड़ी है, कोई प्राइवेट गाड़ी नहीं है. ये गलत है.

मोहित यादव: वो हम आपकी बात मान रहे हैं. उन्होंने हमें पहले बरेली में ही कह दिया था कि 2 मिनट के लिए गाड़ी रोक देना.

सवारी: आपने (ये बात) मानी क्यों? दो सवारी के लिए आप ये मान लोगे?

मोहित यादव: कोई ज्यादा समय ले रहा है क्या?

सवारी: ज्यादा समय की बात ही नहीं है.

मोहित यादव: नमाज पढ़ रहे हैं, तो नमाज में क्या दिक्कत है? हम भी हिंदू आदमी हैं. ऐसी कोई हिंदू-मुस्लिम वाली बात नहीं है.

सवारी: यहां पर कोई हिंदू-मुस्लिम वाली बात नहीं कर रहा है.

मामला अधिकारियों तक कैसे पहुंचा? 

आजतक के कृष्ण गोपाल राज की रिपोर्ट के मुताबिक इस बहस के बाद बस आगे रवाना हो गई. बाद में एक यात्री ने बरेली रोडवेज के रीजनल मैनेजर को घटना की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद ड्राइवर और कंडक्टर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही सभी डिपो को निर्देश दिया गया कि बिना कारण बस को रोका ना जाए. अगर कुछ इमरजेंसी की वजह से बस रोकनी पड़े, तो इसकी जानकारी अधिकारियों को दी जाए.

इस मामले पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम में बरेली क्षेत्र के रीजनल मैनेजर (RM) दीपक चौधरी ने बताया था,

“मेरे पास शनिवार (3 जून) की शाम को एक यात्री का फोन आया कि बरेली डिपो की जनरथ 330 नंबर बस दिल्ली जा रही है. उसे रास्ते में किसी ने रोका है. यह बताया है कि वह नमाज पढ़ने गए हैं. मैंने तुरंत ARM बरेली को कार्रवाई के लिए कह दिया. जिस यात्री ने मुझे फोन किया था, उसका नंबर भी मैंने उन्हें दिया. बात करने के बाद कठोर कार्रवाई करते हुए ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया गया है. कंडक्टर संविदा पर था, उसकी सेवा खत्म कर दी गई है.”

कंडक्टर मोहित ने क्या-क्या बताया था?

मामला सामने आने के बाद बस कंडक्टर मोहित यादव ने मीडिया को बताया था,

"6:45 मिनट पर दो सवारियां आई थीं. मेरी गाड़ी में अधिक सवारी नहीं होने के कारण दो सवारी बोली थीं कि 2 मिनट के लिए गाड़ी कहीं रोक देना. हम नमाज पढ़ लेंगे. मैंने कहा, ठीक है, सवारी कम हैं, तो हम कहीं रोक देंगे. इसके बाद  रामपुर से पहले और मिलक से आगे धमौरा और मिलक के बीच में कुछ सवारी आईं कि उनको पेशाब करना है. तभी हमने दूसरी दोनों सवारी कहा कि आगे गाड़ी मत रुकवाना, पेशाब करने के लिए गाड़ी यहां रुकी है. यहीं नमाज पढ़ लो. जितनी देर में कुछ सवारियों ने पेशाब किया, उतनी देर में बाकी दोनों सवारी ने नमाज पढ़ ली. सिर्फ 2 मिनट के लिए गाड़ी रुकी थी. मैंने नमाज के लिए गाड़ी नहीं रोकी थी."

मोहित ने आगे कहा था कि जितनी देर में कुछ सवारियों ने पेशाब की, उतनी देर में बाकी दोनों सवारी ने नमाज पढ़ ली थी. सिर्फ 2 मिनट के लिए गाड़ी रुकी थी और उन्होंने सिर्फ नमाज के लिए गाड़ी नहीं रोकी थी.

वीडियो: नमाज़ के लिए ड्राइवर ने रोकी यूपी रोडवेज बस, दो को नौकरी से निकाला, बस कंडक्टर ने क्या बताया?