The Lallantop

सुप्रीम कोर्ट की रोक से ठीक तीन दिन पहले सरकार ने 10,000 इलेक्टोरल बॉन्ड छपवाए

Supreme Court के Electoral Bonds पर रोक लगाने से तीन दिन पहले सरकार ने एक-एक करोड़ रुपये के 10,000 इलेक्टोरल बॉन्ड्स के छपाई को मंजूरी दी थी.

Advertisement
post-main-image
इलेक्टोरल बॉड्स से सबसे ज्यादा चंदा बीजेपी को मिला है. (फ़ोटो - दी लल्लनटॉप)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 15 फ़रवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया था. अब ख़बर आई है कि कोर्ट के इस आदेश के तीन दिन पहले सरकार ने 1-1 करोड़ रुपये के 10,000 इलेक्टोरल बॉन्ड्स के छपाई को मंजूरी दी थी. ये मंजूरी वित्त मंत्रालय ने SPMCIL (सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को दी थी. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने 28 फ़रवरी को SBI को बॉन्ड की छपाई पर तुरंत रोक लगाने के लिए कहा था.

Advertisement

ये खुलासा सूचना का अधिकार एक्ट के तहत मिली वित्त मंत्रालय और SBI के बीच लेन-देन के लिए पत्राचार और ईमेल की फ़ाइल नोटिंग से हुआ है. इन रिकॉर्ड्स से ये भी पता चला है कि SPMCIL ने 8,350 बॉन्ड की छपाई करके SBI को भेज भी दिए थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस योजना की शुरुआत के बाद से कुल 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए गए. इसमें से 8,451 करोड़ रुपये BJP ने भुनाए. जबकि कांग्रेस ने 1,950 करोड़ रुपये, TMC ने 1,707.81 करोड़ रुपये और BRS ने 1,407.30 करोड़ रुपये भुनाए.

जानकारी के मुताबिक़, SBI ने एक ट्रेड मेल के जरिए SPMCIL को इलेक्टोरल बॉन्ड की छपाई पर रोक लगाई. इस ट्रेड-मेल की हेडिंग थी, "इलेक्टोरल बॉन्ड की छपाई पर रोक - इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018".

Advertisement

SBI के असिस्टेंट जनरल मैनेजर ने अपने मेल में लिखा, हमने इलेक्टोरल बॉन्ड के सुरक्षा फ़ॉर्म के 4 बक्सों के मिलने की पुष्टि की है. इसमें 23 फ़रवरी 2024 तक कुल 8,350 बॉन्ड मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद हम आपसे बाक़ी 1,650 इलेक्टोगाने की रिक्वेस्ट रल बॉन्ड्स की छपाई पर रोक लकरते हैं, जिसके लिए 12 जनवरी 2024 को एक बजट डिवीजन पत्र के माध्यम से मंजूरी दी गई थी.

ये भी पढ़ें - इलेक्टोरल बॉन्ड लिस्ट में नंबर-1 पर लॉटरी किंग

27 फ़रवरी के एक नोट रिकॉर्ड में बताया गया था कि 400 बुकलेट्स और 10,000 इलेक्टोरल बॉन्ड्स की छपाई के लिए निर्देश थे. इसे 12 फ़रवरी को भारत सरकार की मंजूरी मिली थी. इसी दिन वित्त मंत्रालय के बजट सेक्शन से SBI और मंत्रालय के दूसरे लोगों को एक और मेल भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि SBI को बचे हुए 1,650 इलेक्टोरल बॉन्ड्स को छपाई पर रोक लगाने के लिए SPMCIL को तुरंत बताएं. इसके लिए मंजूरी दे दी गई थी.

Advertisement

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद SBI ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड के एल्फा न्यूमेरिक कोड्स की जानकारी साझा कर दी थी. इन कोड्स के जरिए यह पता चला था कि किस कंपनी या व्यक्ति ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस पार्टी को चंदा दिया.

वीडियो: पड़ताल: पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड से क्या BJP को चंदा दिया?

Advertisement