उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) में 27 सितंबर की रात एक ट्रेन प्लैटफ़ॉर्म पर चढ़ गई थी. प्लैटफ़ॉर्म पर मौजूद यात्रियों में भगदड़ मच गई, लेकिन ग़नीमत से इस दौरान कोई चपेट में नहीं आया. शुरूआती मीडिया रपटों में छपा कि ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दबने से ये हादसा हुआ है. अब इंजन के अंदर का CCTV फ़ुटेज सामने आया है, जिससे हादसे की असल वजह मालूम चल गई है.
मथुरा में ट्रेन प्लैटफॉर्म पर चढ़ गई थी, CCTV में खुलासा- शराब का नशा और वीडियो कॉल...
शुरूआती मीडिया रपटों में छपा कि ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दबने से ये हादसा हुआ. अब इंजन के अंदर के CCTV से हादसे की असल वजह मालूम चल गई है.

दरअसल, घटना के वक़्त सभी सवारियां ट्रेन से उतर चुकी थीं और ट्रेन को बंद कर तय स्थान पर खड़ा किया जाना था. तय स्थान, अर्थात ट्रेनों के खड़ा किए जाने वाला यार्ड.
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ट्रेन को यार्ड में ले जाना था, मगर वीडियो में दिख रहा है कि इससे पहले ही लोको पायलट सीट से उठ गया. फिर एक लाइटिंग स्टाफ़ कर्मचारी इंजन में दाख़िल हुआ. वो किसी के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रहा था. पीठ पर बैग लादे था. बात करते-करते उसने बैग को इंजन में थ्रॉटल पर रख दिया. बस्स.. सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. थ्रॉटल पर बैग पड़ा और ट्रेन चलने लग गई. प्लैटफॉर्म को तोड़ते हुए 30 मीटर ऊपर चढ़ गई. बिजली के पोल से टकराई, तब जाकर रुकी.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बैग रखने वाले लाइटिंग स्टाफ़ का नाम सचिन है. शराब चेक करने वाली मशीन से पुष्टी हुई है कि वो नशे की हालत में था. ख़ून की जांच के लिए उसका सैंपल भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि नशा कितना था.
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आगरा मंडल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि ट्रेन आने के बाद इंजन के केबिन की चाबी वहां पहले से मौजूद सहायक स्टाफ़ को देनी होती है. हादसे वाली रात को चाबी सचिन को दी गई थी.
फ़िलहाल, रेलवे ने 28 पन्नों की जांच रिपोर्ट तैयार की है. इसके आधार पर लोको पायलट सहित 5 रेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
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