यूट्यूबर मनीष कश्यप को तमिलनाडु की पुलिस अपने साथ ले गई है. मंगलवार, 28 मार्च को तमिलनाडु पुलिस की अपील पर पटना के स्पेशल कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर ले जाने की मंजूरी दे दी. इसके बाद मनीष को ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई. बुधवार, 29 मार्च की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच बेउर जेल से एयरपोर्ट ले जाया गया. फिर वहां से फ्लाइट के जरिए पुलिस की टीम मनीष को अपने साथ ले गई.
मनीष कश्यप के साथ आखिर ये हो ही गया, बिहार जेल छोड़ जाना पड़ा!
मनीष कश्यप के समर्थकों को इसी बात का डर था.

आजतक के मुताबिक मनीष को तमिलनाडु में मदुरई कोर्ट में पेश किया जाएगा. फिर उसे रिमांड पर लेकर तमिलनाडु की पुलिस पूछताछ करेगी. बिहारी मजदूरों की पिटाई और उसके फर्जी वीडियो को वायरल करने के मामले में तमिलनाडु पुलिस ने 13 केस दर्ज किए थे. लेकिन, इनमें से 6 केस ऐसे हैं, जिसमें मनीष कश्यप नामजद हैं. इनमें अकेले तीन केस कृष्णागिरी थाने में दर्ज हैं. इन्हीं मामलों में मनीष से पूछताछ की जाएगी.
इससे पहले बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने बीते सोमवार को मनीष कश्यप को पटना के बेउर जेल भेज दिया था. उधर, 18 मार्च को मनीष कश्यप के सरेंडर करने के तुरंत बाद तमिलनाडु पुलिस की एक टीम पटना पहुंची थी. तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को अपने साथ ले जाना चाहती थी. मगर, बिहार पुलिस और ईओयू की पूछताछ की वजह से उस वक्त कस्टडी नहीं मिल पाई थी.
तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज हुए थे. बिहार में यूट्यूबर के खिलाफ 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप पेश नहीं हो रहे थे. इसके बाद आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ. पुलिस और ईओयू की टीमों ने लगातार आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वो नहीं मिले.
इसके बाद एक मामले में 18 मार्च को कोर्ट के आदेश पर मनीष कश्यप के घर को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू हुई. इसके कुछ देर बाद ही मनीष ने सरेंडर कर दिया. शुरूआती पूछताछ के बाद 19 मार्च को मनीष कश्यप को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा भी किया. उन्होंने 20 मार्च को दिल्ली-काठमांडू राजमार्ग को जाम कर दिया. गिरफ्तारी को लेकर मनीष के समर्थकों में पहले से ही नाराजगी थी. लेकिन जब समर्थकों उनका रोने वाला वीडियो देखा तो भड़क गए. ये सब इकठ्ठा होकर भारी संख्या में मोतिहारी में नेशनल हाईवे पर पहुंच गए. प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी हुई. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मनीष को तुरंत रिहा किया जाए. प्रदर्शन कर रहे युवकों का कहना था कि मनीष कश्यप सच दिखाते थे इसलिए उन पर ये कार्रवाई हुई है.
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