बिहार के यू-ट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) को पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट से संबंधित फेक वीडियो फैलाने का आरोप है. तमिलनाडु सरकार ने कश्यप पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) भी लगाया है. जिसके खिलाफ यू-ट्यूबर सुप्रीम कोर्ट तक गए थे.
मनीष कश्यप को किया था सम्मानित, अब IPS विकास वैभव ने क्या सफाई दी?
IPS अधिकारी Vikas Vaibhav ने YouTuber Manish Kashyap को सम्मानित किया था. अधिकारी ने जब कश्यप को सम्मानित किया था, तब स्थानीय मीडिया में इसकी खूब चर्चा हुई थी.

मार्च 2022 में IPS अधिकारी विकास वैभव (IPS Vikas Vaibhav) ने मनीष कश्यप को एक समारोह के दौरान सम्मानित किया था. ये समारोह ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ अभियान के तहत आयोजित किया गया था. विकास वैभव ने जब उन्हें सम्मानित किया तब कश्यप के खिलाफ कई मामले चल रहे थे. इनमें एक बड़ा मामला था, पटना में कश्मीरी दुकानदारों को पीटने का. इस मामले में कश्यप को गिरफ्तार भी किया गया था. लल्लनटॉप से जुड़े विकास वर्मा ने IPS विकास वैभव से इस बारे में बातचीत की. उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी है.
अधिकारी से पूछा गया कि फर्जी वीडियो फैलाने के आरोपी कश्यप को लेकर उनका क्या नजरिया है? जवाब में अधिकारी ने कहा कि उन्हें यूट्यूबर पर लगे आरोपों की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा,
"मैं उस व्यक्ति को उस समय तक जानता भी नहीं था. जिन लोगों ने उस कार्यक्रम को आयोजित किया था, मैंने उनसे पूछा कि ये कौन हैं जो इतने फेमस हैं. वहां कई लोगों को सम्मानित किया गया था. उसमें मेरी कोई भूमिका नहीं थी."
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उन्होंने आगे कहा,
"ऐसा कोई भी व्यक्ति जो राष्ट्र विरोधी हो, मैं निश्चित रूप से कभी उसका समर्थन कर ही नहीं सकता. मैं तो NIA में रहा हूं. मैंने राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कार्रवाई की है."
अधिकारी ने जब कश्यप को सम्मानित किया था, तब स्थानीय मीडिया में इसकी खूब चर्चा हुई थी. विकाश वैभव 2003 बैच के IPS अधिकारी हैं. वर्तमान में बिहार स्टेट प्लानिंग बोर्ड के एडवाइजर हैं. वो एक IITian भी हैं. वैभव ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ के मुख्य संरक्षक हैं.
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