जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर (Manipur) में फिर हिंसा की ख़बरें हैं. जानकारी के मुताबिक़, अज्ञात हमलावरों ने एक BJP प्रवक्ता के घर में आग लगा दी (Manipur BJP Leader Attacked). ये घटना कुकी-ज़ो आदिवासी लोगों द्वारा अलग प्रशासन की मांग को लेकर निकाली गई रैलियों के दौरान हुई. साथ ही, प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के कथित ऑडियो क्लिप्स (N Biren Singh viral audio clips) के आधार पर उनके इस्तीफ़े की भी मांग कर रहे थे. बीरेन सिंह ने इस आगजनी की निंदा की है. उन्होंने कहा, शांति रैलियों की आड़ में हमारे लोगों को बार-बार निशाना बनाया जाना एक बेहद परेशान करने वाली प्रवृत्ति है.'
मणिपुर: भीड़ ने जलाया BJP नेता का घर, अलग प्रशासन की मांग को लेकर कुकी लोगों ने निकाली थी रैली
Kuki-Zo आदिवासी लोगों ने अलग प्रशासन की मांग को लेकर रैली निकाली थी. साथ ही, प्रदर्शनकारी Manipur CM N Biren Singh के कथित ऑडियो क्लिप्स को लेकर उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.

आगजनी राज्य के चुराचांदपुर ज़िले के पेनियल गांव में की गई. चुराचांदपुर ज़िला ही सबसे ज़्यादा हिंसा से प्रभावित रहा है. जिस घर को निशाना बनाया गया, वो माइकल लामजाथांग हाओकिप के माता-पिता का था. द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, माइकल BJP प्रवक्ता और थाडौ जनजाति के नेता हैं. दरअसल, कुकी-ज़ो संगठन के लोग अलग प्रशासन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित वायरल ऑडियो क्लिप के ख़िलाफ़ विरोध जता रहे थे. इस ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर बीरेन सिंह को जातीय हिंसा में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए सुना जा सकता है.
इस लीक ऑडियो क्लिप को लेकर संगठन की तरफ़ से मणिपुर के सीएम की तत्काल गिरफ़्तारी और मुकदमा चलाने की मांग की गई है. हालांकि, मणिपुर पुलिस ने कहा है कि ऑडियो से छेड़छाड़ की गई है. दूसरी तरफ़, रैली में हुई इस आगजनी को लेकर एन बीरेन सिंह की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा,
इस तरह की उकसावे वाली हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. हम सुनिश्चित करेंगे कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए. इसके अलावा, उन संबंधित अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी, जो संभावित ख़तरों की पूर्व चेतावनी के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा देने में विफल रहे.
BJP नेता माइकल (जिनके घर पर हमला हुआ) ने कहा कि ये घटना एक साल के भीतर उनके परिवार के घर पर 'अल्ट्रा-कुकी वर्चस्ववादियों और चरमपंथी समूहों द्वारा' किया गया तीसरा हमला था. उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता और परिवार के लोगों को उनके किसी भी काम के लिए निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए था.
इससे पहले 31 अगस्त की सुबह सैकड़ों कुकी-ज़ो आदिवासी लोग चुराचांदपुर के लीशांग, कांगपोकपी के कीथेलमैनबी, टेंग्नौपाल के मोरेह और जिरीबाम और तामेंगलोंग ज़िलों में अलग प्रशासन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे. रैलियों का आयोजन कुकी इंपी मणिपुर द्वारा किया गया था, जो एक शीर्ष आदिवासी निकाय और कुकी छात्र संगठन है. ये प्रदर्शनकारी कई बैनर रखे हुए थे. ऐसे ही एक बैनर में लिखा था, 'मणिपुर में शांति के लिए, भारत माता को कुकीलैंड नामक एक नए शिशु राज्य का जन्म देना होगा.'
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इससे पहले मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 29 अगस्त को PTI को दिए इंटरव्यू में कहा था,
मणिपुर एक छोटा राज्य है और इसे विघटित नहीं किया जा सकता. राज्य के भीतर अलग प्रशासन नहीं हो सकता. हम इसकी मंजूरी नहीं देंगे. सरकार विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वायत्त परिषदों को अधिक स्वायत्तता देने पर विचार कर सकती है.'
उन्होंने 6 महीने में पूर्ण शांति का वादा किया. साथ ही, कहा था कि इस्तीफ़ा देने का कोई सवाल ही नहीं है.
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