''मेरा सबसे पुराना और करीबी दोस्त गुज़र गया और मैं उसके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो सकता. आखिरी बार उसे देख नहीं सकता. उसे आखिरी विदाई तक नहीं दे सकता. और लोगों को लगता है एक्टर्स का काम बहुत आराम और मज़े का है. ये एक ऐसी नौकरी है, जिससे किसी को ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए. भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति दे राज कौशल.''

राज कौशल ने अपने करियर की शुरुआत स्टंट मैन के तौर पर की थी. वो 1992 में आई काजोल की डेब्यू मूवी 'बेखुदी' से बतौर स्टंटमैन जुड़े हुए थे. इसके बाद राज ने 'अग्निपथ' फेम डायरेक्टर मुकुल आनंद को असिस्ट करना शुरू कर दिया. उन दिनों मुकुल सुभाष घई के प्रोडक्शन में बन रही फिल्म 'त्रिमूर्ती' डायरेक्ट कर रहे थे.

पत्नी मंदिरा के साथ राज कौशल. राज ने पिछले कुछ समय से अपना लुक बिल्कुल बदल लिया था. उन्होंने सिर के बाल हटा लिए थे और दाढ़ी बढ़ा ली थी.
1998 में राज कौशल ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी खोल ली. इसके तहत उन्होंने 800 से ज़्यादा कमर्शियल्स डायरेक्ट किए. कमर्शियल्स के अलावा वो अपने करियर में 'प्यार में कभी कभी', 'शादी के लड्डू' और 'एंथनी कौन है' जैसी तीन फिल्में भी डायरेक्ट कर चुके थे. इंडिया में सेम सेक्स रिलेशनशिप पर बनी कुछ कायदे की फिल्मों में से एक 'माय ब्रदर निखिल' के प्रोड्यूसर भी थे. इस फिल्म को ओनिर ने डायरेक्ट किया था. ओनिर इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखते हैं-
''बहुत जल्दी चले गए. हमने एक फिल्म मेकर और प्रोड्यूसर राज कौशल को आज सुबह खो दिया. ये बहुत दुख की बात है. वो मेरी पहली फिल्म 'माय ब्रदर निखिल' के प्रोड्यूसर्स में से एक थे. वो उन चुनिंदा लोगों में से थे, जिन्हें हमारे विज़न पर यकीन था और जिन्होंने हमें सपोर्ट किया. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना.''

1994 में 'शांति' से शुरू करके मंदिरा बेदी टीवी पर स्टार बन चुकी थीं. मगर वो फिल्मों में अपना नाम बनाना चाहती थीं. वो काम मांगने के सिलसिले में कई फिल्ममेकर्स से मिलती थीं. 1996 में मंदिरा मुकुल आनंद के यहां पहुंचीं. तब राज कौशल मुकुल को असिस्ट कर रहे थे. यहां इन दोनों की पहली मुलाकात हुई. अगले कुछ सालों तक दोनों की प्रोफेशनल लाइफ अलग-अलग चलती रही. मगर वो निजी जीवन में करीब आने लगे. 1999 में राज और मंदिरा ने शादी कर ली. इस शादी से उन्हें एक बेटा हुआ वीर. पिछले दिनों इस कपल ने तारा नाम की एक बच्ची को अडॉप्ट किया था.