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दिल्ली पुलिस ने जिस पत्रकार मनदीप पुनिया को पकड़ा, रोहिणी कोर्ट ने क्या कहकर जमानत दी?

दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था

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दिल्ली पुलिस ने पत्रकार मनदीप पुनिया को रोहिणी कोर्ट से जमानत मिल गई है.
फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने मनदीप को 25,000 रुपए के निजी मुचलके पर  जमानत दी है. मनदीप पूनिया को 30 जनवरी को तब सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था जब पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच में झड़प चल रही थी. कोर्ट ने मनदीप को जमानत कुछ शर्तों के साथ दी है. जिसमें वह बिना बताए देश के बाहर नहीं जा सकते, साथ ही उनको एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर और एड्रेस देना होगा. जांच के लिए जब भी पुलिस को सहयोग की जरूरत होगी मनदीप सहयोग करेंगे. चूंकि मनदीप के खिलाफ एफआईआर खुद पुलिसकर्मियों ने कराई है, ऐसे में कोर्ट ने कहा कि मनदीप सबूतों और गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता. इस वजह से मनदीप को जेल में रखने का फिलहाल कोई औचित्य नहीं है. साथ ही इस मामले में मनदीप के साथ कोई रिकवरी भी नहीं की जानी है. मनदीप को हाल ही में पुलिस की गिरफ्तारी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जिसके बाद उसने अपनी जमानत अर्जी रोहिणी कोर्ट में लगाई थी. क्या है मनदीप पूनिया का मामला किसान आंदोलन कवर कर रहे मनदीप को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी की शाम को पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने पूनिया के खिलाफ चार धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मनदीप पर IPC की धारा 186 (सरकारी काम में बाधा पहुंचाना) IPC की धारा 353 (सरकारी अधिकारी पर हमला करना) IPC की धारा 332 (लोकसेवक को चोट पहुंचना) और IPC की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. The Caravan मैगजीन के लिए फ्रीलांस जर्नलिस्ट के तौर पर काम कर रहे मनदीप पूनिया सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन कवर कर रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो बैरिकेड्स के पास से निकल रहे थे, जब कुछ पुलिसवालों ने उन्हें पकड़ा. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया कि सिंघु बॉर्डर पर स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया को दिल्ली पुलिस ने पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और लोक सेवक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बाधा डालने के लिए गिरफ्तार किया है. इससे पहले पूनिया के साथ-साथ दूसरे पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को भी हिरासत में लिया था, लेकिन पुलिस ने धर्मेंद्र को छोड़ दिया, जबकि पूनिया के खिलाफ आरोप दर्ज कर लिए. उनकी गिरफ्तारी के बाद पत्रकार संगठनों और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी विरोध जताया था.