"एक सनातनी दिल्ली एयरपोर्ट पर आया, प्रार्थना रूम में एक गलत काम होते हुए देखा, इसके खिलाफ शिकायत की, दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस मामले में माफी मांगी है."हालांकि इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद शैलेंद्र ने इस फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया है. लेकिन उनके ट्विटर अकाउंट पर ये तस्वीरें मौजूद हैं.
शैलेंद्र प्रताप सिंह और किबला की दिशा दर्शाता पत्थर (फोटो: ट्विटर)
दरअसल दिल्ली एयरपोर्ट में महिला और पुरुषों के कॉमन प्रार्थना रूम में एक काला पत्थर रखा हुआ था. जिसके ऊपर किबला लिखा हुआ था. मुस्लिम समुदाय के लोग मक्का की तरफ रुख कर नमाज़ अदा करते हैं, जिस दिशा में मक्का है, उसे बताने के लिए किबला रखा जाता है. शैलेंद्र का कहना है कि ये प्रार्थना रूम सभी धर्मों के मानने वालों के लिए है, इसमें किसी धर्म विशेष का प्रतीक रखना ठीक नहीं है. पत्थर को हटाने के लिए शैलेंद्र ने एयरपोर्ट प्रशासन से कहा,
"प्रार्थना कक्ष (स्त्री और पुरुष दोनों) के कोने में काला पत्थर रखा है, जिसमें अंग्रेजी में किबला जैसा शब्द लिखा है. जिसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. इससे मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. मैं अपनी प्रार्थना भी पूरी नहीं कर पाया. इसे हटा कर सूचना दें."
शैलेंद्र का शिकायत पत्र (फोटो: फेसबुक)
शैलेंद्र की इस शिकायत पर एयरपोर्ट प्रशासन ने किबला को प्रार्थना रूम से हटवा दिया.
किबला को प्रार्थन रूम से हटाता सफाई कर्मी (फोटो: फेसबुक)
वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग शैलेंद्र के की इस बात पर सवाल उठा रहें हैं कि वे महिलाओं के प्रार्थना रूम में क्या करने गए थे, उन्हें किसने अंदर जाने दिया. एक ट्विटर यूजर ने एयरपोर्ट प्रशासन के द्वारा किबला हो हटाने पर सवाल उठाते हुए लिखा,
"दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बहुत बड़ी सूर्य देव की मूर्ति मौजूद है, मुसलमानों ने तो कभी भी इसपर सवाल नहीं उठाया. लेकिन प्रार्थना रूम में एक छोटे से किबला के निशान से एक हिंदू को दिक्कत हो रही है और एयरपोर्ट प्रशासन ने उसकी बात भी मान ली. भारत अब यहां खड़ा है."