कुर्ता सीन याद है? उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर 16 जनवरी को ऋषिकेश पहुंचे थे राहुल गांधी. मोदी के कपड़ों पर कोच्चन उठाए और अपना कुर्ता. बोले ये देखो, हमारा कुर्ता फटा है. देश के इतने बड़े लीडर के फटे कुर्ते को देखकर एक गाज़ियाबादी मुकेश मित्तल का दिल पसीज गिया और उन्होंने पूरे 100 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट राहुल गांधी को भेज दिया. मुकेश का कहना है कि ‘राहुल की सादगी पर हमें गर्व है, पर इतने बड़े नेता के पास कुर्ते सिलाने के लिए पैसे नहीं है, इस बात का अफ़सोस है'.
अपने नेताओं की गरीबी पर आम आदमी का दिल पसीजने की ये कोई पहली घटना तो है नहीं, इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जूतों के लिए विशाखापट्टनम से सुमित अग्रवाल ने 364 रुपये की डिमांड ड्राफ्ट भेजा था. सुमित ने सीएम केजरीवाल को रिपब्लिक डे में सैंडल पहने देखा था जो उन्हें पसिन नहीं आया.

पर अभी पढ़िए गाज़ियाबादी की चिट्ठी राहुल गांधी के नाम, याद रखा जाए इसके पहले गांधी फैमिली को कोई चिट्ठी जो फेमस हुई थी. वो पिता के पत्र पुत्री के नाम से छपी थी :p माने ये भी अपने में इतिहास ही है. तो मुकेश लिखे.
श्रीमान जी अभी 2-3 दिन रोज़ पहले सारे देश ने देखा कि आप फटा कुर्ता पहिने हैं. आपकी सादगी पर गर्व है, लेकिन फटा कुर्ता देख काफी दुख हुआ, तो मैं 100 रुपये की डीडी भिजवा रहा हूं. ले लीजिए और कुर्ते की सिलाई करा लीजिए. खुशी होगी.’’ 
हम अब उम्मीद कर सकते हैं की अगली सभा में राहुल गांधी का फटा कुर्ता न दिखे.
महात्मा गांधी का मिशन चुपके-चुपके पूरा कर रहे राहुल
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