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'शिवसेना और बीजेपी का साथ जरूरी, हमें मुंबई आने में सेफ नहीं लगता', बोले बागी विधायक

बागी विधायक केसरकर ने कहा- किसी पार्टी में नहीं जाएंगे.

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बागी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे (फोटो: पीटीआई)

उद्धव ठाकरे से बगावत कर एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक गुवाहाटी में डेरा जमाकर बैठे हैं. राजनीतिक उठापटक और कयासों के बीच महाराष्ट्र में हर रोज सियासी संकट गहराता जा रहा है. इस बीच शिंदे खेमे के विधायक दीपक केसरकर ने बड़ा बयान दिया है. केसरकर ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि शिंदे गुट नई पार्टी बना सकता है. हालांकि इस बात के कयास कई दिनों से लगाए जा रहे थे.

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दीपक केसरकर ने कहा, 

"हम किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे. हम एक अलग पार्टी का गठन करेंगे. मैंने हमेशा मुख्यमंत्री को ये सलाह दी थी कि शिवसेना को भाजपा के साथ होना चाहिए. बीजेपी के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच राज्य के विकास के लिए तालमेल होना बहुत जरूरी है."  

खबरों के मुताबिक इस नई पार्टी का नाम 'शिवसेना (बालासाहेब)' हो सकता है. इस बात के संकेत एकनाथ शिंदे दे चुके हैं. 

इधर शिवसेना ने आज दोपहर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की. इस बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिसके मुताबिक शिवसेना चुनाव आयोग के पास जाएगी ताकी कोई बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल ना करे.

महाराष्ट्र में बागी विधायकों के दफ्तरों और उनकी संपत्तियों पर हो रहे हमले के बारे में दीपक का कहना है, 

"हम सभी सीएम को यही कहना चाहते हैं कि वो अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करें, और जो भी हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करें. अगर कार्रवाई नहीं की जाएगी तो हमें मुंबई लौटने में सुरक्षित महसूस नहीं होगा.

केसरकर का कहना है कि उन्हें मौजूदा हालातों में राज्य में सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है इसलिए वे वापस नहीं लौट रहे हैं.

इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे के खेमे के 16 बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया है जो इस समय गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. उन्हें इस नोटिस का जवाब देने के लिए 27 जून की शाम साढ़े 5 बजे तक समय दिया गया है.