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संजय राउत का एकनाथ शिंदे पर निशाना- 'ED से डरने वाला बालासाहेब का सच्चा भक्त नहीं'

एकनाथ शिंदे के कैंप में बागी विधायकों की संख्या बढ़ने के दावे के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने फिर कहा कि उनकी पार्टी मजबूत स्थिति में है.

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एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के बागी विधायक और संजय राउत. (फोटो: एएनआई/पीटीआई)

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट गहराता जा रहा है. एक के बाद एक विधायक बागी नेता एकनाथ शिंदे के ग्रुप में शामिल हो रहे हैं. हालांकि इन सबके बीच शिवसेना के अपने दावे हैं. गुरुवार 23 जून को शिवसेना सांसद संजय राउत ने फिर दावा किया है कि उनकी पार्टी मजबूत स्थिति में है. उन्होंने कहा कि जो विधायक असम की गुवाहाटी में ठहरे हुए हैं, वे बाल ठाकरे के सच्चे 'भक्त' नहीं हैं.

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शिंदे पर निशाना

संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 

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'जो ED (प्रवर्तन निदेशालय) के दबाव में पार्टी छोड़ रहे हैं, वे बाला साहेब के सच्चे भक्त नहीं हैं. हम बाला साहेब के सच्चे भक्त हैं. हम पर भी ED का दबाव है, लेकिन हम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे. जब फ्लोर टेस्ट होगा तो पता चल ही जाएगा कि किसमें कितना दम है.'

उन्होंने आगे कहा, 

'मैं किसी कैंप के बारे में बात नहीं करता हूं. मैं सिर्फ अपनी पार्टी के बारे में बात करुंगा. हमारी पार्टी आज भी मजबूत स्थिति में बनी हुई है. करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं. जब वे मुंबई आएंगे तो आपको पता चल ही जाएगा. जल्द ही इसका खुलासा होगा कि किन परिस्थितियों, दबाव के चलते हमारे विधायकों को हमें छोड़ना पड़ा था.'

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संजय राउत ने ये भी दावा किया कि कम से कम दो विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मसले पर अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा, 

'कुछ विधायकों के इधर से उधर चले जाने पर पार्टी नहीं बन जाती है. शिवसेना एक पार्टी है और हम एक हैं.'

इससे पहले गुरुवार को खबर आई थी कि शिवसेना के तीन और विधायक मुंबई छोड़ गुवाहाटी पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 विधायक हैं. लेकिन गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास कम से कम 37 विधायकों का समर्थन है, जिनमें चार निर्दलीय भी हैं. बागी विधायकों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर एकनाथ शिंदे को उनका नेता घोषित किए जाने की मांग की है.

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी रेडिसन ब्लू होटल के सामने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. उन्होंने आरोप लगाया कि असम की करीब 20 लाख से अधिक जनता बाढ़ से प्रभावित है, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा महाराष्ट्र सरकार को गिराने में लगे हुए हैं.

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