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इनकम टैक्स ऑफिस की कैंटीन में फर्जी भर्ती चल रही थी, असली अधिकारियों को ऐसे हुआ शक!

3-5 लाख लेकर इनकम टैक्स विभाग में फर्जी नौकरी दिलवा दे रहे थे!

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी प्रियंका मिश्रा (फोटो- सोशल मीडिया/आज तक)

उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की राजधानी लखनऊ में फर्जी नौकरी दिलाने वाला एक गिरोह पकड़ा गया है. गिरोह का खुलासा उस वक्त हुआ जब गिरोह इनकम टैक्स विभाग के अंदर ही नौकरी देने का खेल कर रहा था. ये गिरोह नौकरी देने के नाम पर 2 से 5 लाख रुपये भी वसूलता था.

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दरअसल, लखनऊ स्थित इनकम टैक्स विभाग की कैंटीन में पिछले 15 दिनों से ये गिरोह लोगों का इंटरव्यू ले रहा था. मामले के बारे में किसी भी अधिकारी को कोई खबर तक नहीं थी. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक मामला उस वक्त सामने आया जब ठगी का शिकार हुए एक व्यक्ति ने पुलिस और अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की. पुलिस ने इस मामले में प्रियंका नाम की महिला और 7 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से इनकम टैक्स विभाग की मोहरें और कई डॉक्यूमेंट्स भी मिले हैं.

प्रशासनिक अधिकारी बन लेते थे इंटरव्यू

दरअसल, हाल में इनकम टैक्स विभाग में खेल कोटे के कई पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था. गोमतीनगर स्थित कार्यालय से इंटरव्यू लेटर जारी किए गए थे. इसी को आधार बनाकर विभाग में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था. गिरोह के लोगों ने इसके लिए फ्री-जॉब अलर्ट जारी करने वाली वेबसाइट पर नोटिफिकेशन कर दिया था. जिसके बाद गिरोह लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाता था.  

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लखनऊ में इनकम टैक्स विभाग में चल रहे फर्जी इंटरव्यू का संचालन गिरोह के लोग अपने आप को प्रशासनिक अधिकारी बताकर कर रहे थे. इंटरव्यू लेने के बाद गिरोह के सदस्य लोगों को नियुक्ति पत्र भी थमा देते थे. नियुक्ति पत्र देने के बाद टोकन मनी के तौर पर 3 से 5 लाख रुपये वसूले जाते थे. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक गिरोह ने सौ से अधिक लोगों से पैसे लिए थे.

मंगलवार, 22 नवंबर को कुछ अधिकारी कैंटीन पहुंचे तो उन्हें वहां कुछ नए चेहरे दिखे. अधिकारियों ने पूछा तो पता कि वो लोग किसी प्रियंका मिश्रा मैडम से मिलने आए हैं. कैंटीन में नौ लोग प्रियंका का इंतजार कर रहे थे. इसके बाद अधिकारियों ने पूछताछ की तो लोग वहां से भागने लगे. गिरोह से जुड़ी प्रियंका जब आई तो फर्जीवाडे़ का राज खुला. विभागीय सूत्रों ने बताया कि कैंटीन के पास इंटरव्यू के दौरान दो महिलाएं मौजूद रहती थी. गिरोह के पास विभाग के अधिकारियों की पूरी जानकारी होती थी. अधिकारी कब आते हैं? कौन सा अधिकारी कहां बैठता है? किस अधिकारी के हस्ताक्षर से नियुक्ति होती है?

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक गिरोह बेरोजगारों का पूरा डाटा तैयार करता था. इसी डेटा के आधार पर फर्जी इंटरव्यू का खेल चल रहा था. अब तक दो सौ से अधिक बेरोजगारों का इंटरव्यू लिया जा चुका है. विभाग ने फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह के खिलाफ हजरतगंज थाने में FIR दर्ज करा दी है. महिला सहित 8 लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और जिन लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए गए है उनका पता लगाने की कोशिश भी कर रही है. 

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