खांसी, जो ठीक नहीं हो रही. कफ सिरप और भाप से भी राहत नहीं. इतनी भयानक कि खांसते-खांसते पेट दर्द हो जाए. सीने में जकड़न और गले में दर्द इतना कि 3-4 दिन आवाज़ ही न निकले. बीते कुछ दिनों में इन लक्षणों से जूझ रहे लोगों की कई सारी खबरें आई हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग सर्दी-खांसी वाले इन्फेक्शन की बात कर रहे हैं. कह रहे हैं कि इस बार ऐसी खांसी आ रही है, जो जा ही नहीं रही है. जब लगता है कि ठीक हो गई, दोबारा शुरू हो जाती है.
कई दिनों तक आ रही भयानक खांसी, जुकाम भी ठीक नहीं हो रहा, पता है वजह क्या है?
इन लक्षणों से लगभग हर कोई परेशान है. डॉक्टर ने जरूरी सलाह दी है.

इसी तरह की दिक्कतें बयां करता पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल का एक ट्वीट सोमवार, 27 फरवरी को वायरल हो गया. इस ट्वीट पर देश के कई शहरों से लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं शेयर कीं. संजीव सान्याल ने ट्वीट किया था,
एक भयानक कोल्ड बग पूरे भारत (और दुनिया) में फैल गया है. लगभग हर कोई, जिन्हें मैं जानता हूं, उनको बेहद बुरा गले का इन्फेक्शन हो गया है, जो बाद में सीने में जकड़न के तौर पर कई दिनों तक बना रहता है. मैं भी इन लोगों में शामिल हूं. ये बहुत परेशान करने वाला है.
इंडिया टुडे टीवी के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर शिव अरूर ने भी ट्वीट कर सवाल किया,
भारत में ये कौन सी वायरल बीमारी है? ज्यादातर लोग इससे जूझ रहे हैं. ये सीजनल फ्लू के मुकाबले ज्यादा आक्रामक और लंबे समय तक क्यों परेशान कर रही है? ये हर जगह है. अजीब बात ये है कि इसमें बुखार नहीं बढ़ता, लेकिन बाकी दूसरे लक्षण (खांसी, जकड़न) बदतर हो रहे हैं और ज्यादा वक्त तक रह रहे हैं. इसके बारे में बताएं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कई महीनों से लोग खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षणों से जूझ रहे हैं. इस तरह की दिक्कतें कई शहरों और राज्यों में बढ़ी हैं. डॉक्टर्स भी बता रहे हैं कि ऐसे काफी मामले सामने आ रहे हैं. कई लोग अपने अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पूछ रहे हैं कि आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है? सज्जन राज मेहता नाम के ट्विटर यूजर ने बेंगलुरु के बारे में बताते हुए ट्वीट किया,
बेंगलुरु में हर पांचवा व्यक्ति, जिससे मैं मिल रहा हूं वो गले में खराश, खांसी और जुकाम से पीड़ित है. ऐसा लगता है कि सामान्य सर्दी/वायरल के लिए ठीक होने में 3 हफ्ते लग रहे हैं. इसकी वजह क्या है? मौसम में बदलाव या कुछ और?
ट्विटर पर कई लोगों ने बताया कि उनकी जान-पहचान के लोगों ने अधिक आक्रामक और लंबे समय तक चलने वाले सीजनल फ्लू की शिकायत की है. ये भी कि इस वायरल इन्फेक्शन में, कई लोगों को बुखार नहीं हो रहा है, लेकिन गले में दर्द, तेज खांसी और सीने में जकड़न जैसी दिक्कतें तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक हो रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत सूखी खांसी की बताई जा रही है.
ये दिक्कतें हर एज ग्रुप में देखी जा रही हैं. बच्चे, बड़े और बूढ़े. दिल्ली में बच्चों के डॉक्टर राकेश बागड़ी बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में बच्चों में भी सांस के इन्फेक्शन वाली बीमारियों में बढ़त देखी जा रही है.
वजह क्या है?दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल में मेडिकल सुपरिटेंडेंट और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुमित रे इसकी कुछ वजहें गिनाते हैं. पहली वजह, इन्फ्लूएंजा जिसे हम फ्लू कहते हैं. दूसरी वजह, सर्दी-जुकाम करने वाले एडिनोवायरस. तीसरी वजह इम्यूनिटी में आई थोड़ी गिरावट और चौथी वजह, पॉल्यूशन.
डॉ सुमित रे बताते हैं,
इन्फ्लूएंजा का एक टाइप होता है, जिसे H3N2 कहते हैं. H1N1 भी है, लेकिन वो इतना ज्यादा नहीं है. H3N2 के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इन्फ्लूएंजा का वायरस हर साल थोड़ा चेंज होता है. तीन साल से कोविड प्रोटोकॉल के कारण हम बहुत हद तक फ्लू से बचे रहे, इसका सामना नहीं किया. इसलिए इसके खिलाफ इम्यूनिटी थोड़ी घटी है और फ्लू के इन्फेक्शन बढ़े हैं.
डॉक्टर बताते हैं कि फ्लू के मामले दुनियाभर में बढ़े हैं. इसे लेकर हाल में JAMA मेडिकल जर्नल में एक स्टडी भी आई है. इस स्टडी में भी फ्लू के मामले बढ़ने की वजह इम्यूनिटी में आई कमी और फ्लू के वैक्सीनेशन में आई गिरावट बताई गई है.
डॉक्टर राकेश बागड़ी कहते हैं कि मौसम बदलने के साथ ऐसे मामले बढ़ते हैं, लेकिन बीते 2-3 साल कोविड-19 के मामले ज्यादा रहे. वहीं कोविड नियमों के कारण दूसरे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन कम देखने को मिले. अब, कोविड के केस कम हुए हैं और कोविड के नियम भी नहीं अपनाए जा रहे, तो दूसरे वायरल इन्फेक्शन ज्यादा सामने आ रहे हैं.
पॉल्यूशन ने दिक्कत बढ़ा दीवायरल इन्फेक्शन के साथ एक्सपर्ट्स इसमें एयर पॉल्यूशन को हालत बदतर बनाने की वजह बताते हैं. उनके मुताबिक, इन्फेक्शन के बाद भी जो लोग लंबे समय तक खांसी की समस्या झेल रहे हैं, उसकी वजह पॉल्यूशन भी है. डॉक्टर सुमित कहते हैं,
रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन होने पर सांस की नली और फेफड़े हाइपर रिएक्टिव हो जाते हैं और पॉल्यूशन के कारण समस्या और बढ़ जाती है, लंबे समय तक चलती भी रहती है.
इस सवाल पर कि क्या हालिया संक्रमण कोविड-19 की बीमारी करने वाले वायरस का नया स्ट्रेन तो नहीं है, डॉक्टर सुमित कहते हैं कि ऐसा नहीं हैं. वो आगे कहते हैं कि कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ रही हैं. ज्यादातर इन्फ्लूएंजा के ही स्ट्रेन हैं और बाकी दूसरे एडिनोवायरस भी हैं.
क्या करें?डॉक्टर को दिखाएं. जरूरी चेकअप कराएं. बीमारी में बाकी लोगों के संपर्क से बचें. मास्क पहनें. मतलब वही कोविड काल वाले नियम. हाई रिस्क वाले लोग, जिन्हें पहले से दमा और दूसरी बीमारियां हैं, बुजुर्ग और लो इम्यूनिटी वाले लोगों को खासतौर पर सावधान रहने की जरूरत है. डॉक्टर सुमित रे के मुताबिक, अगर डॉक्टर इन्हेलर या नेबुलाइजर वगैरह की सलाह दें, तो उसका इस्तेमाल जरूर करें, इससे खांसी में राहत मिलेगी.
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