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साउथ कोरिया की राजनीति में बड़ा बदलाव, ली जे-म्यांग ने जीता राष्ट्रपति का चुनाव

South Korea के National Election Commission ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसके मुताबिक 85% से अधिक वोटों की गिनती हो चुकी है. Lee Jae-Myung को इसमें 48 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं.

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समर्थकों का अभिवादन करते ली-जे-म्युंग (PHOTO-Bloomberg)

साउथ कोरिया में हो रहे चुनावों (South Korea Elections) में बड़ा उलटफेर हुआ है. लिबरल पार्टी (Liberal Party) के उम्मीदवार ली जे-म्यांग (Lee Jae-myung) ने बाकी उम्मीदवारों पर निर्णायक बढ़त बना ली है. साउथ कोरिया के National Election Commission के मुताबिक ख़बर लिखे जाने तक 85% से अधिक वोटों की गिनती हो चुकी थी. जिसमें म्यांग 48 फीसदी वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं.

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राष्ट्रपति पद के लिए 3 जून को चुनाव हुए थे. ली ने छह महीने पहले ही मिलिट्री घेराबंदी से बचकर मार्शल लॉ के खिलाफ वोट किया था. पीपुल्स पावर पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी किम मून-सू (Kim Moon-soo) ने अपनी हार स्वीकार करने के साथ ली को बधाई भी दी है.

साउथ कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग (NEC) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरे नंबर पर रहे किम को 42.9 प्रतिशत वोट मिले हैं. दक्षिण कोरिया की राजनीति में उथल-पुथल भरे दौर के बाद इस वोटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें थीं. अप्रैल 2025 में ही पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल (Yoon Suk-yeol) पर महाभियोग लगाया गया था. दिसंबर 2024 में लगाए गए मार्शल लॉ की वजह से देश में उनका खूब विरोध हुआ था. 

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इसके बाद जांच हुई और उन्हें पद से हटा दिया गया. यही वजह थी कि साउथ कोरिया में समय से पहले चुनाव कराने पड़े. 61 साल के ली 4 जून को देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले सकते हैं. दक्षिण कोरियाई संविधान के अनुसार, वे पांच साल का एक कार्यकाल पूरा करेंगे. अल जजीरा की रिपोर्ट  के अनुसार, सियोल में अपने घर के बाहर जमा हुए समर्थकों से बात करते हुए ली ने कहा

इस बात की बहुत संभावना है कि मैं राष्ट्रपति बन जाऊंगा.

लेकिन वोटों की गिनती के साथ जैसे ही परिणाम ली के पक्ष में झुकना शुरू हुए, उनके समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. इससे पहले ही किम हार स्वीकार कर म्यांग को बधाई दे चुके थे. कोरियाई मीडिया के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत वोटिंग हुई. बीते तीन दशकों में यह सबसे अधिक है, जो वोटिंग में जनता की गहरी दिलचस्पी को दर्शाता है. कोरिया में एग्जिट पोल जारी करने वाले प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स KBS, MBC और SBS के एग्जिट पोल्स ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि इस चुनाव में ली को बढ़त मिलेगी. 

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कोरिया की राजनीति को समझने वाले विश्लेषकों के मुताबिक किम की पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल के साथ करीबी थी. इस वजह से उन्हें चुनावों में जनता का साथ नहीं मिला. साथ ही वो अपने कोर वोट बैंक कंजर्वेटिव वोट्स को एकजुट करने में भी विफल रहे. 

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