भारत कोकिला की नाम से जानी गईं दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का 6 फरवरी की सुबह निधन हो गया. 92 वर्ष की लता मंगेशकर बीते 28 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं. कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें 8 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीच में उनकी हालत में सुधार हुआ था. हालांकि, पांच फरवरी को उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ी और उन्हें ICU में भर्ती किया गया. लता मंगेशकर के जाने से पूरे देश में दुख की लहर दौड़ गई है. लता मंगेशकर का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रतीत समधानी ने उनके निधन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने मीडिया को बताया,
"हम बहुत ही दुख के साथ बता रहे हैं कि लता मंगेशकर जी का सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर निधन हो गया. उनका निधन मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से हुआ. कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद वो बीते 28 दिन से अस्पताल में भर्ती थीं."
लता मंगेशकर के निधन पर ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है,
"यह बहुत ही पीड़ादायक है. दीदी हमें छोड़कर चली गई हैं. उनका जाना एक ऐसी खाली जगह छोड़ गया है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. आने वाली नस्लें उन्हें भारतीय संस्कृति की दिग्गज के तौर पर याद करेंगी, जिनकी आवाज ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया."
लता मंगेशकर के निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इससे पहले 6 फरवरी की सुबह लता मंगेशकर का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रतीत समदानी ने उनकी तबीयत के बारे में जानकारी दी थी. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने बताया था कि लता मंगेशकर अभी भी ICU में बनी हुई हैं. इससे पहले 5 फरवरी की शाम को लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले ने उनकी हालत में सुधार बताया था. लता मंगेशकर का जन्म 29 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश में हुआ था. उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार और थियेटर आर्टिस्ट थे. अपने जीवनकाल में लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक संगीतकारों के साथ काम किया. उनके गाए गाने आज भी आइकॉनिक बने हुए हैं. अपने सत्तर साल लंबे करियर में लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक आइकॉनिक गाने गए. 'ऐ मेरे वतन के लोगों', 'लग जा गले', 'ये कहां आ गए हम' और 'प्यार किया तो डरना क्या' उनमें से कुछ नाम हैं. लता मंगेशकर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.