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लालू, तेजस्वी, राबड़ी... CBI ने इस मामले में सबके खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी है

ये दूसरी चार्जशीट है, इसमें लालू परिवार के अलावा कई बिचौलियों सहित कुल 17 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं.

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लालू यादव और राबड़ी देवी बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं जबकि बेटे तेजस्वी फिलवक्त डिप्टी CM हैं. (फोटो सोर्स: आज तक)

जमीन के बदले नौकरी घोटाले (Land for jobs scam) मामले  में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad) और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. CBI ने लालू, उनकी पत्नी और बिहार की CM रहीं राबड़ी देवी और बिहार के वर्तमान डिप्टी CM तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. ये दूसरी चार्जशीट है, इसमें लालू परिवार के अलावा कई बिचौलियों सहित कुल 17 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर किए गए इस आरोप-पत्र पर अभी सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की गई है. लेकिन ये मामला पहले से ही 12 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्टेड है.

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नौकरी के बदले जमीन घोटाला

बिहार का ये मामला 14 साल पहले का है. आजतक से जुड़े मुनीश पांडे की एक खबर के मुताबिक, उस वक्त लालू, केंद्र की UPA सरकार में रेल मंत्री थे. CBI के आरोपों के मुताबिक, साल 2004 से 2009 तक 7 लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी गई थी. और इन लोगों ने बदले में बेहद कम कीमत पर अपनी जमीनें लालू यादव के परिवार वालों के नाम ट्रांसफर कर दी थीं. नौकरी पाने वाले लोगों को पहले रेलवे में सब्स्टीट्यूट के बतौर भर्ती किया गया. ये नियुक्तियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे इलाकों में हुईं. इन नियुक्तियों का कोई विज्ञापन या नोटिस तक नहीं जारी किया गया. बहुत जल्दबाजी में नियुक्तियां हुईं. पश्चिम और मध्य रेलवे जोन ने कुछ उम्मीदवारों के आवेदन को बिना पते के अप्रूव कर दिया. इसके बाद जब बदले में जमीन का सौदा हो गया तो इन सभी नौकरी पाने वाले लोगों को रेगुलर कर दिया गया.

मामले में अब तक क्या हुआ?

CBI ने  इस मामले में पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था. जुलाई में CBI ने भोला यादव को गिरफ्तार किया. भोला लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनके OSD (Officer on Special Duty) थे. इसके बाद 10 अक्टूबर 2022 को CBI ने मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की. इसमें कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया. इस साल फरवरी में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया था. जिसके बाद 15 मार्च को लालू परिवार समेत सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए थे, लेकिन सभी को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई. CBI अब तक तीन बार तेजस्वी को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है. बीते 6 मई को राबड़ी देवी और फिर 7 मई को लालू यादव से भी CBI ने 5-5 घंटे पूछताछ की थी. जिसके बाद अब CBI ने दूसरी चार्जशीट दायर की है.

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अब तक तेजस्वी यादव इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. उनकी दलील रही है कि तत्कालीन रेल मंत्री (लालू) को निजी फायदे के लिए किसी को रेलवे में नियुक्ति देने का अधिकार नहीं था. 

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