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सावधान! 2024 में कुत्तों के काटने से जुड़े 22 लाख मामले सामने आए, कुत्ता काटे तो इन बातों का रखें ध्यान!

रेबीज़ से मौतों के मामले में भारत का हाल देख हिल जाएंगे. मामलों की संख्या भी हैरान कर देगी.

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याद रखें कि रेबीज का कोई इलाज नहीं होता (फोटो- आजतक)

कुत्तों के काटने से जुड़े करीब 22 लाख मामले साल 2024 में आए हैं. ये जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन ने लोकसभा में दी. मंगलवार को एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बीते साल कुत्तों के काटने से जुड़े 21,95,122 केस सामने आए थे. इनमें से 5 लाख से ज़्यादा बच्चे थे. जिनकी उम्र 15 साल से कम थी. कुत्तों के काटने से 37 लोगों की मौत भी हुई.

हम अक्सर कुत्तों के काटने से जुड़ी खबरें सुनते रहते हैं. कभी कुत्ते किसी छोटे बच्चे को काटते हैं. तो कभी उससे दुलार कर रहे शख्स को. बुज़ुर्ग भी कुत्तों के काटने का अक्सर शिकार होते हैं. कुत्तों का काटना घातक हो सकता है. उनके काटने से रेबीज़ हो सकता है. जिसका कोई इलाज नहीं है. 

ऐसे में आज जानिए कि रेबीज़ क्या है. अगर कोई कुत्ता काटे तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

क्या है रेबीज?

डॉक्टर आभा बताती हैं कि रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर करती है. ये बीमार जानवर से इंसान में फैलती है. ये एक वायरस की वजह से होती है जिसका नाम है रैपटो वायरस. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और ये 100% फेटल है.

ज्यादातर रेबीज के केसेस बीमार कुत्ते के काटने से होते हैं. मगर किसी भी बीमार जानवर के काटने, खरोंचने, सहलाने या उनके मल-मूत्र के संपर्क में आने से भी रेबीज हो सकती है. भारत में बंदर, घोड़े, जंगली चूहे, चमगादड़, गधे, लोमड़ी, नेवला आदि से भी रेबीज होने के मामले देखे गए हैं. गाय और भैंस को भी बीमार जानवर के काटने से ये बीमारी हो सकती है. ऐसी स्थिति में उनके मुंह के आसपास झाग जैसा दिखाई देने लगता है. ऐसी गाय-भैंस के दूध का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.  

अच्छी बात ये है कि इससे बचाव बहुत ही आसान है.

इलाज या बचाव

अगर आप किसी भी संक्रमित जानवर के संपर्क में आए हैं तो तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन या ARV का पांच डोज का इंट्रा मस्कुलर इंजेक्शन लगवाएं. ये टीका जीरो दिन (मतलब जिस दिन जानवर ने काटा है), इसके बाद तीसरे दिन, फिर सातवें दिन, 14वें दिन और 28वें दिन लगता है. ये टीका बिना भूले लगाना चाहिए, क्योंकि इस बीमारी से बचाव ही इसका इलाज है.

क्या-क्या करना चाहिए?

-अपनी चोट को साबुन से अच्छे से 15 मिनट तक धोना चाहिए

-70% एल्कोहल डिसइंफैक्टेंट से क्लीन करना चाहिए या फिर पोवीडोन आयोडीन सॉल्यूशन से उसको धोना चाहिए

-जल्दी से जल्दी नजदीकी सरकारी हॉस्पिटल में जाकर टीका लगवाना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए?

-घाव के ऊपर लाल मिर्ची या कोई और घरेलू चीज नहीं लगानी चाहिए

-घर पर किसी भी तरह की ड्रेसिंग नहीं करनी चाहिए या स्टिचेज नहीं लगवाने चाहिए

-बहुत जरूरी है कि सही समय पर टीका लग जाए नहीं तो जान जा सकती है

सबसे ज्यादा मौत भारत में

दुनिया भर में सबसे ज्यादा रेबीज से मौतें भारत में ही होती हैं. इनमें से ज्यादातर कुत्ते के काटने की वजह से होती हैं. WHO के मुताबिक, दुनियाभर में रेबीज से हो रही मौतों में 36 फीसदी भारत में होती हैं. वहीं दक्षिण पूर्वी एशिया में 65 फीसदी मौतें भारत में होती हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह कम जागरूकता बताई जाती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल देश में रेबीज से 307 लोगों की मौत हुई थी. सबसे ज्यादा 48 मौतें दिल्ली में हुईं. इस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ. शरद गुप्ता बताते हैं कि देश में आवारा कुत्तों की बड़ी आबादी है और कुत्तों के बड़े पैमाने पर टीकाकरण, पशु जन्म नियंत्रण जैसे तरीकों में हमें सीमित सफलता मिली है. बढ़ते मामलों की यही दो मुख्य वजहें हैं. वो बताते हैं कि वैक्सीन से इन सभी मौतों को बचाया जा सकता था, लेकिन उसके लिए पर्याप्त काम नहीं हुआ है. 

वीडियो: सेहत: कुत्ते के काटने से रेबीज़ हो जाए तो पानी से डर क्यों लगने लगता है?