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केरल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री में ठन गई, नियम तोड़कर नौकरी दी जा रही थी?

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- "किसी भी तरह का पक्षपात नहीं होने दूंगा"

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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (फाइल फोटो: आजतक)

केरल के राज्यपाल (Kerala Governor) आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) के निजी सचिव केके रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीस की कन्नूर यूनिवर्सिटी में नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इंडिया टुडे की शिबीमोल केजी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रिया वर्गीस की कन्नूर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ मलयालम में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर ज्वॉइनिंग होनी थी. हालांकि, इस नियुक्ति पर नियमों के उल्लंघन और पक्षपात के आरोप लगे हैं.

नियुक्ति पर अगले आदेश तक रोक

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति यानी चांसलर के तौर पर अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इस नियुक्ति पर रोक लगाई है. आदेश में कहा गया है कि माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कुलाधिपति के रूप में कन्नूर यूनिवर्सिटी में नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में आगे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. 

नियमों के उल्लंघन का आरोप

यह पद मलयालम विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के लिए था. आरोप है कि मलयालम विभाग में डॉ. प्रिया वर्गीस की एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया. नवंबर में इस भर्ती के लिए इंटरव्यू में प्रिया को फर्स्ट रैंक दिए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था. विवाद के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी. बता दें कि कन्नूर यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट ने बीते महीने ही नियुक्ति को मंजूरी दी.

राज्यपाल बोले- पक्षपात नहीं होने देंगे

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि जब तक वे राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं, वे किसी भी तरह का पक्षपात और भाई-भतीजावाद नहीं होने देंगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो गोपीनाथ रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. 

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले केरल यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को लेकर विजयन सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच टकराव देखने को मिला था. सरकार विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करने के संबंध में राज्यपाल (कुलाधिपति) की शक्तियों को कम करने के लिए एक अध्यादेश लाने की तैयारी में जुटी थी. इसी बीच राज्यपाल ने कुलपति की नियुक्ति के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया था. 

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