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5 साल बाद हिरासत से बाहर आया था कश्मीरी पत्रकार, पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया

कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्तान की हिरासत को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 'अवैध' बताते हुए खारिज किया, तब जाकर उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ. पहले पत्रकार को रिहा करने में देरी की गई और जिस दिन वो अपने घर पहुंचे, उसी रात फिर से हिरासत में ले लिया गया.

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जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने PSA के तहत पत्रकार आसिफ सुल्तान की हिरासत को 'अवैध' बताते हुए रद्द कर दिया था. (सांकेतिक फोटो: आजतक)

कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्तान बीते पांच साल से जेल में बंद थे. पहले श्रीनगर सेंट्रल जेल में और फिर यूपी के जेल में. मंगलवार, 27 फरवरी को उन्हें उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जेल से रिहा किया गया. आसिफ सुल्तान गुरुवार, 29 फरवरी को अपने घर पहुंचे ही थे कि उसी रात उन्हें फिर से कस्टडी में ले लिया गया. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि पत्रकार आसिफ सुल्तान को किसी दूसरे केस में दोबारा गिरफ्तार किया गया है.

अधिकारियों ने कहा,

“आसिफ सुल्तान को गुरुवार (29 फरवरी की) देर रात दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया.”

साल 2018 में पुलिस ने हिरासत में लिया था

कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्तान को पहली बार सितंबर 2018 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) मामले में गिरफ्तार किया गया था. तब वो एक लोकल मैगजीन में रिपोर्टर के तौर पर काम कर रहे थे. आसिफ को ‘कथित तौर पर एक आतंकवादी ग्रुप को मदद देने’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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अप्रैल 2022 में, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने पत्रकार आसिफ को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसियां 'किसी भी आतंकवादी ग्रुप के साथ पत्रकार का लिंक साबित नहीं कर पाईं'. हालांकि, कुछ दिनों बाद आसिफ सुल्तान पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पारिवार के सूत्रों ने बताया कि आसिफ सुल्तान अप्रैल 2022 तक श्रीनगर सेंट्रल जेल में बंद थे. इसके बाद उन्हें PSA (पब्लिक सेफ्टी एक्ट) के तहत यूपी की जेल में ट्रांसफर कर दिया गया. जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.

जम्मू-कश्मीर HC ने हिरासत को ‘अवैध’ बताया

पिछले साल 7 दिसंबर को, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने PSA के तहत आसिफ सुल्तान की हिरासत को 'अवैध' बताते हुए रद्द कर दिया था. हालांकि, इसके बाद भी आसिफ को दो महीने से अधिक समय तक यूपी की जेल में रहना पड़ा. पुलिस ने यूपी की जेल से उनकी रिहाई में हुई देरी का अब तक कोई कारण नहीं बताया है.

वहीं पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि जब आसिफ 29 फरवरी को घर लौटे, तो उन्हें पुलिस का फोन आया था. उन्हें लोकल पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, जहां उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आसिफ सुल्तान को श्रीनगर सेंट्रल जेल में कैदियों के आंदोलन पर रैनावाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज 2019 के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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