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5 करोड़ में BJP का टिकट, कबाब वाले को RSS नेता बनाया, फिर ऐसा भंडा फूटा कि...

आरोप है कि चैत्र कुंडपुर ने व्यवसायी गोविंद बाबू पुजारी को उडुपी जिले के बिंदूर इलाके से BJP का टिकट दिलाने की बात कही. फिर उनसे 5 करोड़ रुपये मांगे और इसे गायब करने की फिराक में थी.

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कर्नाटक पुलिस ने दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चैत्र कुंडपुर, गगन कदुर और श्रीकांत नाइक को किया गिरफ्तार. (फोटो क्रेडिट - X)

कर्नाटक में एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चैत्र कुंडपुर को गिरफ्तार किया गया है. उस पर एक व्यवसायी से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. राज्य में 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव हुए थे. आरोप है कि कुंडपुर ने उडुपी जिले के बिंदूर इलाके से चुनाव लड़ने के लिए एक व्यवसायी को BJP को टिकट दिलाने की बात कही थी.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी. इसके आधार पर उन्होंने 12 सितंबर की देर रात चैत्र कुंडपुर, गगन कदुर और श्रीकांत नाइक को गिरफ्तार किया है. साथ ही इनके और साथियों को पकड़ने के लिए भी ऑपरेशन जारी है.

कर्नाटक पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि कुंडपुर और बाकी लोगों ने एक आदमी को RSS नेता बनाकर पेश किया. साथ ही एक कबाब बेचने वाले शख्स को BJP का नेता बनाया. इन सबने मिलकर गोविंद बाबू पुजारी नाम के व्यवसायी को धोखा दिया.

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‘RSS और BJP में पहुंच’

पुजारी ने 8 सितंबर को इनके खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराई थी. इसमें उन्होंने बताया कि वे जून 2022 में कुंडपुर से मिले थे. उन्हें चिकमंग्लूर के गेस्ट हाउस में बुलाया गया था. यहां वे भारतीय जनता युवा मोर्चा(BJYM) के सचिव गगन कदुर से मिले. कदुर ने उनसे कहा कि वो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कार्यालय में कुछ लोगों को जानता है.

कदुर ने कहा कि वो RSS के चिकमंग्लूर से नेता विश्वनाथ के ज़रिए भी उन्हें टिकट दिला देगा. 4 जुलाई 2022 को पुजारी, विश्वनाथ से मिले. उसने भी यही बताया कि उसकी RSS और BJP में पहुंच है. वो ये भी तय करता है कि टिकट किसे मिलेगी.

विश्वनाथ ने पुजारी से कहा कि वो कदुर को 50 लाख रुपये दे दे. इसके बाद जब टिकट तय होना शुरू होगा तो उसे 3 करोड़ रुपये और देने होंगे. विश्वनाथ ने ये भी कहा कि अगर उसे टिकट नहीं मिला तो उसका पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा.

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‘अलग-अलग टाइम दिए पैसे’

पुजारी ने अपनी शिकायत में बताया कि 7 जुलाई को उन्होंने कदुर को शिवमोगा के RSS ऑफिस में 50 लाख रुपये दिए. इसके बाद कुंडपुर ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल किया. इसमें विश्वनाथ ने बताया कि BJP के केंद्रीय नेताओं ने पुजारी को टिकट देने का फैसला ले लिया है.

पुजारी ने बताया कि सितंबर 2022 में एक और कॉन्फ्रेंस कॉल किया गया. इसमें विश्वनाथ ने उन्हें हलश्री मठ के साधु हिरेहादगली अभिनव से मिलने के लिए कहा. उसने कहा कि अभिनव टिकट के फैसले में जरूरी भूमिका निभाते हैं.

पुजारी ने आगे बताया कि इसके बाद 23 अक्टूबर को उनसे 3 करोड़ रुपये मांगे गए. उनसे कहा गया कि ये पैसे वे BJP की केंद्रीय चुनाव समिति के एक नेता को दे दें. पुजारी ने 29 अक्टूबर को कुंडपुर और उसकी टीम को ये पैसे दे दिए.

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फिर वे साधु अभिनव से मिले. उसने पुजारी से 1.5 करोड़ रुपये मांगे. उसने ये भी बताया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क में है. 16 जनवरी 2023 को पुजारी बेंगलुरु में एक बार फिर साधु अभिनव से मिले. यहां उन्होंने उसे पैसे दे दिए.

RSS नेता बनने की ट्रेनिंग

इसके बाद 8 मार्च को पुजारी को एक फोन आया. इसमें बताया गया कि विश्वनाथ की सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से मौत हो गई है. पुजारी को यहां पर शक पैदा हुआ. उन्होंने अपने एक दोस्त से, जो कि रिटायर्ड डिफेंस अधिकारी हैं, बात की. उन्होंने पुजारी को बताया कि RSS में विश्वनाथ नाम का कोई नेता नहीं है.

इसके बाद 24 अप्रैल को पुजारी ने कुंडपुर और कदुर को फोन किया और अपने पैसे वापस मांगे. पुजारी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन लोगों ने कहा कि उनके 3.5 करोड़ रुपये विश्वनाथ के पास थे. पुजारी ने कहा कि वे उन लोगों के खिलाफ शिकायत करेंगे. इस पर कुंडपुर ने उन्हें आत्महत्या करने की धमकी दी. उसने पुजारी के पैसे वापस करने के लिए समय भी मांगा.

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इसके अगले दिन पुजारी साधु अभिनव से मिले. उन्होंने उससे भी अपने पैसे वापस मांगे. अभिनव ने कहा कि उन्हें पैसे वापस मिल जाएंगे. साथ ही उनसे अपने आप को इस मामले में अलग रखने की बात भी कही.

पुजारी ने शिकायत में बताया कि अपनी एक दोस्त मंजू के ज़रिए उन्होंने विश्वनाथ का पता कराया. मंजू भी चिकमंग्लूर से एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता है. उन्हें पता चला कि खुद को विश्वनाथ बताने वाले शख्स का नाम रमेश है. रमेश ने माना कि उसे RSS नेता विश्वनाथ बनने की ट्रेनिंग दी गई थी साथ ही इसके लिए 1.2 लाख रुपये भी मिले थे.

‘कुंडपुर ने दी जान से मारने की धमकी’

पुजारी को ये भी पता चला कि BJP की केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनकर जो शख्स उनसे मिला था, वो एक कबाब बेचनेवाला दुकानदार नाईक था. शिकायत के मुताबिक, जब पुजारी ने कुंडपुर से ये बातें पूछीं तो उसने उन्हें डराया-धमकाया. उसने पुजारी को कहा कि वो उन्हें जेल करवा देगी. उसने ये भी कहा कि वो अंडरवर्ल्ड के लोगों को भी जानती है. उसने पुजारी को जान से मारने की धमकी भी दी.

अधिकारियों ने बताया कि कुंडपुर ने गिरफ्तार होते समय अपनी अंगूठी निगलने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया और उसे बेंगलुरु लेकर आ गई है. कुंडपुर पर पहले से भी कई मामले दर्ज़ हैं. उस पर दूसरे समुदायों के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ भाषण देने के भी आरोप हैं. 

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