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'ED सारी हदें पार कर रही है... ' इतना क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट? इस केस की जांच से भी रोक दिया

Supreme Court On ED: ये मामला तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के खिलाफ ED की जांच और छापेमारी से जुड़ा है. अब इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. कोर्ट में एक तरफ राज्य सरकार थी तो दूसरी ओर केंद्र सरकार.

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अदालत ने ED की कार्रवाई पर रोक लगाई. (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Slams ED) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कामकाज पर कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा, “ED सारी हदें पार कर रही है. आप देश के संघीय ढांचे का पूरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं.” मामला तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के खिलाफ ED की जांच और छापेमारी से जुड़ा है. इसकी सुनवाई खुद चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच कर रही है.

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लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने TASMAC पर शराब का लाइसेंस बांटने में करप्शन करने का आरोप लगाया है. इस मामले में ED ने TASMAC के मुख्यालय पर छापेमारी की थी. अधिकारियों के फोन और डिवाइस जमा कर लिए थे. राज्य सरकार इसके खिलाफ हाईकोर्ट गई. लेकिन वहां से राहत नहीं मिली. इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 

सर्वोच्च अदालत में गुरुवार 22 मई को सुनवाई शुरू हुई. अदालत में राज्य का पक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल रख रहे थे. वहीं, ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू पेश हुए. 

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सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि TASMAC शराब का लाइसेंस जारी करता है. जिन लोगों को दुकानें दी गई हैं, उनमें से कुछ लोग असल में घूस ले रहे हैं. राज्य सरकार ने खुद FIR दर्ज कराई है. 2014 से 2021 के बीच करप्शन के आरोपों पर शराब की दुकान चलाने वालों के खिलाफ 41 FIR दर्ज की हैं. लेकिन 2025 में ED अचानक सामने आती है और TASMAC के मुख्यालय पर छापा मारा जाता है. अधिकारियों के फोन और डिवाइस भी ले लिए जाते हैं.

इस पर कोर्ट ने ED की जांच को कठघरे में खड़ा करते हुए उससे पूछा,

कॉरपोरेशन के खिलाफ अपराध कैसे हो सकता है? आप व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर सकते हैं. लेकिन निगम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कैसे कर सकते हैं? ED सभी सीमाओं को पार कर रही है.

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वहीं, ED के वकील ASG राजू ने दावा किया कि यह 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस है. एक बड़ी धोखाधड़ी हुई है. इसकी जांच ईडी कर रही है. इसमें राजनेताओं को बचाया जा रहा है. इस पर CJI गवई ने कहा, “अपराध कहां है? राज्य ने पहले ही FIR दर्ज कर ली है और कार्रवाई कर रहा है. ईडी बेवजह क्यों दखल दे रहा है?”

इसके बाद अदालत ने ED की कार्रवाई पर रोक लगा दी. नोटिस जारी करते हुए उसे इस मामले में जवाब देने को कहा. ED के वकील ने सीमा लांघने वाली कोर्ट की टिप्पणी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह एक डिटेल्ड जवाब दाखिल करेंगे.

वीडियो: फेयरवेल स्पीच में जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट पर क्या गंभीर आरोप लगाए?

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