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कर्नाटक के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने को लेकर बवाल कटा, अब मिली इजाजत

कर्नाटक के हुबली शहर के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने को लेकर बड़ा तमाशा हुआ. BJP नेता नगर निगम कार्यलय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने 15 सितंबर की शाम यहां रोड जाम कर दिया. और तो और मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका.

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पिछले साल भी ईदगाह मैदान में विवाद हुआ था (फोटो क्रेडिट - X)

कर्नाटक के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi Festival) के दौरान पंडाल लगाने को लेकर एक बार फिर बड़ा बवाल हो गया. हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने पंडाल लगाने की इजाजत दे दी. इसके बाद धारवाड़ नगर निगम ने हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति दी. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्थानीय नेता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. प्रशासन से मंजूरी की मांग को लेकर बीजेपी नेता 14 सितंबर से धरने पर बैठे थे.

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ये विवाद पिछले साल गणेश चतुर्थी के त्योहार से शुरू हुआ था. कर्नाटक हाई कोर्ट ने 2022 में ईदगाह मैदान में गणेश पंडाल लगाने की इजाज़त दी थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ये मैदान हुबली धारवाड़ नगर निगम की संपत्ति है. नगर निगम किसी को भी यहां कार्यक्रम करने की इजाज़त दे सकता है. इस बार भी मामला कोर्ट तक पहुंचा. मुस्लिम संस्था अंजुमन-ए-इस्लाम इस फैसले पर रोक लगाने की मांग कर रही थी. 15 सितंबर को कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ बेंच में फिर से इस मामले की सुनवाई हुई. हालांकि कोर्ट ने ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया.

न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, BJP नेताओं की मांग थी कि ईदगाह मैदान में अपना त्योहार मनाने की मंजूरी दी जाए. जैसा कि उन्हें पिछले साल BJP की सरकार में मिली थी. हुबली धारवाड़ पश्चिम से महापौर अरविंद बेलाड, वीना भारद्वाज और कई BJP नेताओं ने इसे लेकर हुबली धारवाड़ नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया. उन्होंने कहा कि नगर निगम से बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका.

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साथ ही नेताओं ने नगर निगम पर कांग्रेस सरकार की कठपुतली होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नगर निगम ऐसा करके भगवान गणेश के भक्तों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचा रहा है. अपना विरोध दर्ज़ करने के लिए BJP नेता नगर निगम ऑफिस के बाहर ही सो गए.

अगले दिन 15 सितंबर को हुबली धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा के विधायक महेश तेंगिनाकाई भी धरने में पहुंचे. यहां BJP नेताओं ने शपथ ली कि भले ही नगर निगम मंजूरी दे या नहीं दे, वे ईदगाह मैदान में गणेश पंडाल लगाएंगे.

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प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

इसके बाद BJP नेताओं ने नगर निगम पर तुरंत इजाज़त देने का दबाव बनाया. शाम होते-होते प्रदर्शनकारी नगर निगम आयुक्त से तुरंत अपने फैसले की घोषणा करने की मांग करने लगे. इस समय आयुक्त अपने कार्यालय में नहीं थे. प्रदर्शनकारियों ने ये देखकर रोड जाम कर दिया. उन्होंने यहां मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का पुतला भी फूंका. इसके चलते पुलिस कमिश्नर को यहां आने के लिए मजबूर होना पड़ा.

इस पूरे बवाल के बाद 15 सितंबर की देर रात करीब 11:30 बजे नगर निगम कार्यलय ने यहां गणेश उत्सव मनाने की मंजूरी दे दी. नगर निगम आयुक्त ईश्वर उल्लागड्डी ने कहा,

"हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, हमने ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने के लिए 3 दिन की मंजूरी दी है."

हुबली के ईदगाह मैदान को लेकर सालों से विवाद रहा है. 1921 में ये मैदान अंजुमन-ए-इस्लाम को 999 साल की लीज़ पर दिया गया था. आज़ादी के बाद यहां कई दुकानें खुल गईं. इसे लेकर कोर्ट में मुकदमा हुआ.

सालों की मुकदमेबाज़ी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में इसे नगर निगम की संपत्ति घोषित किया था. कोर्ट ने अंजुमन-ए-इस्लाम को यहां साल में 2 बार प्रार्थना करने की इजाज़त दी. साथ ही ये शर्त भी रखी कि मैदान पर कोई स्थायी बिल्डिंग नहीं बनाई जाएगी. 

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