कानपुर के जिला जज को कोरोना हो गया. वह इलाज के लिए सीएमओ के साथ जिस प्राइवेट अस्पताल में गए वहां के हालात देख कर इतना खिन्न हुए कि सीएमओ से FIR दर्ज करने को कहा. तस्वीर कानपुर के एलएलआर अस्पताल की है. (प्रतीकात्मक फोटो-पीटीआई)
कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने जिन राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है, उनमें उत्तर प्रदेश का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. दूर-दराज के इलाके छोड़िए यहां लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों में हालात बदतर हैं. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि कैसे लखनऊ में कोरोना संक्रमित एक रिटायर्ड जज को अपना और अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी. 3 दिन के इंतजार के बाद पत्नी की मौत हो गई तो उसका शव उठाने के लिए भी कोई नहीं आया था. वहीं, अब कानपुर के एक अस्पताल के हालात देखकर वहां गए जज ने केस दर्ज करवा दिया. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला जज आरपी सिंह और उनके सीएमओ अनिल मिश्रा को कोरोना हो गया था. वे इलाज के लिए कानपुर के नारायणा अस्पताल पहुंचे. लेकिन लिफ्ट में फंस गए. काफी देर वहीं रहना पड़ा. बाद में जब मरीजों के वार्ड पहुंचे तो उन्हें कथित रूप से वहां कोई डॉक्टर इलाज करता नहीं दिखा.
शिकायत में क्या कहा है?
जज आरपी सिंह के निर्देश पर सीएमओ ने अस्पताल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत में सीएमओ मिश्रा ने कहा-
जज आरपी सिंह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर हम रविवार को हॉस्पिटल गए. उन्होंने इसकी जानकारी पहले ही हॉस्पिटल के मैनेजर अमित नारायण को दे दी थी. जब मैं और जज आरपी सिंह लिफ्ट से ऊपरी मंजिल पर जा रहे थे तो लिफ्ट काफी देर के लिए अटक गई.
मिश्रा ने आरोप लगाया कि जब वह लिफ्ट से बाहर आए तो उन्होंने देखा कि कोविड- 19 के मरीजों की देखभाल के लिए वहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. वहां पर जज सिंह की जांच के लिए कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी मौजूद नहीं था. इस दौरान कोरोना के कुछ मरीजों के परिवारवालों ने भी अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर शिकायत की.
फोन पर भड़क गया मैनेजर
इस बदइंतजामी की सूचना अस्पताल के मैनेजर को दी गई तो वह भड़क गया. नवभारत टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक, मरीजों की समस्या सुनने और अस्पताल का हाल देख कर सीएमओ ने वहां मौजूद स्टाफ से पूछताछ की तो उन्हें कोई सीधा जवाब नहीं मिला. फिर उन्होंने अस्पताल के मैनेजर अमित नारायण को फोन मिलाया. सीएमओ ने अमित को अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं के बारे में बताया. इस पर मैनेजर अमित नारायण ने सीएमओ से कहा-
जो करना है वह करो, जाओ मेरा अस्पताल सीज करा दो, मुझे जेल भेज दो.
यह सब जानने के बाद जज आरपी सिंह ने सीएमओ को सलाह दी कि अस्पताल के खिलाफ फौरन लापरवाही का मामला दर्ज कराएं. इसके बाद सीएमओ पनकी पुलिस स्टेशन गए और अस्पताल के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई. इस मामले पर कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का कहना है कि नारायणा मेडिकल कॉलेज के मैनेजर अमित नारायण, डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली गई है. हालांकि अस्पताल के किसी स्टाफ मेंबर का नाम इसमें नहीं है.