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"इनको चुकानी पड़ेगी कीमत"- खालिस्तान पर भारत-कनाडा की तकरार पर क्या बोले एक्सपर्ट?

Justin Trudeau के भारत को लेकर दिए गए बयान को विस्फोटक बताया जा रहा है. इधर, खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगने पर भारत ने भी जवाब दिया है.

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान को कैसे देख रहे दुनियाभर के लोग? (AP)

18 सितंबर 2022. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) कनाडाई संसद में बयान देते हैं. जिसमें वो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या का आरोप भारत पर लगा देते हैं. कहते हैं कि उन्होंने G20 के दौरान ये मुद्दा सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उठाया था. इतना ही नहीं, कुछ देर बात कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली घोषणा करती हैं कि भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को देश से निष्कासित कर दिया गया है. अब मैटर जब इतना बड़ा है, तो इस पर रिएक्शन आना भी स्वाभाविक है.

भारतीय विदेश मंत्रालय एक प्रेस रिलीज़ जारी करता है. जिसमें कनाडाई प्रधानमंत्री के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जाता है. साथ ही भारत सरकार भी कनाडा की कार्रवाई का करारा जवाब देती है और कनाडा के एक टॉप डिप्लोमैट को 5 दिन के अंदर देश छोड़ने का आदेश जारी कर देती है. अब ये तो हुआ पूरा मामला. लेकिन कनाडाई प्रधानमंत्री के इतने बड़े बयान को कनाडा के नेता और देश-विदेश के पत्रकार लोग कैसे देख रहे हैं, आइये जानते हैं.

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शुरुआत माइकल कुगलमैन के बयान से करते हैं. जो वॉशिंगटन DC स्थित थिंक टैंक 'द विल्सन सेंटर' के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं. कुगलमैन ने ट्रूडो के बयान पर हैरानी जताई. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा,

''कनाडा भारत का एक बहुत अहम वेस्टर्न पार्टनर है. ये जानते हुए भी जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए बड़े आरोपों के बाद भारत के डिप्लोमैट का निष्कासन एक हैरान करने वाला क़दम है. यह एक बहुत बड़ी बात है. ऐसा आमतौर होता नहीं है.”

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वहीं अमेरिका स्थित सीनियर डिफेंस एनालिस्ट डेरेक जे. ग्रॉसमैन ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. लिखा,

''भारत के खिलाफ कनाडा का ये विस्फोटक आरोप, 2000 के दशक की शुरुआत के बाद से अमेरिका-भारत पार्टनरशिप का सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट हो सकता है. चीन का मुकाबला करने में मदद के लिए, अमेरिका भारत को अपने करीब रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. इसका मतलब ये है कि अमेरिका इस पूरे विवाद से अपने आप को दूर रख सकता है.''

कनाडा के ओटावा स्थित कार्लटन यूनिवर्सिटी में इकॉनमिक्स के प्रोफेसर विवेक देहजिया ने भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों को 'विस्फोटक' बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,

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''भारत के खिलाफ ट्रूडो के ये आरोप विस्फोटक हैं, जो अभी तक साबित नहीं हुए हैं. पहले से ही कमजोर द्विपक्षीय संबंधों में इससे और गिरावट आएगी और इसका असर भारतीय-कनाडाई प्रवासियों पर पड़ेगा. हम सभी के लिए सबसे अच्छा यही होगा कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते, तब तक इसको लेकर शांत रहा जाए.''

जबकि, कनाडा के वैंकूवर साउथ से सांसद हरजीत सज्जन ने भी ट्रूडो के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,

‘’हम भारत या किसी अन्य देश को अपने लोकतंत्र में हस्तक्षेप नहीं करने देंगे. कनाडा की सरजमी पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का शामिल होना, हमारी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है.”

बताते चलें कि G 20 समिट के दौरान PM मोदी ( Narendra Modi) और कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की अलग से भी मुलाकात हुई थी. इस दौरान PM मोदी ने सख्त लहजे में कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंता जताई थी. PM मोदी ने ट्रूडो को कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में बताया था. कहा कि वो अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं.

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