बिहार में BJP के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की महाबैठक से पहले नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन में फुट पड़ गई है. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने CM नीतीश की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. संतोष सुमन हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष हैं. वो बिहार सरकार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में मंत्री थे.
विपक्ष की बैठक में मांझी को नहीं बुलाना नीतीश को पड़ेगा भारी? पूर्व CM के बेटे ने मंत्री पद छोड़ा
क्या अब BJP के साथ जाएंगे जीतन राम मांझी?

हालांकि, पहले से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि जीतन राम मांझी की पार्टी HAM (S) नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग हो सकती है. जीतन राम मांझी का समय-समय पर नाखुशी जताना, नीतीश कुमार का उन्हें विपक्षी दलों की बैठक में आमंत्रित नहीं करना. कुल मिलाकर एक तरह से ऐसा होना ही था.
'पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए दिया इस्तीफा'जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने 13 जून को नीतीश सरकार से इस्तीफा दे दिया. आजतक के रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक संतोष सुमन ने कहा,
"हमारी पार्टी का अस्तित्व खतरे में था, उसको बचाने के लिए हमने ये काम किया. JD(U) चाहती थी कि हम अपनी पार्टी का उनके साथ विलय कर दें, लेकिन हमें वो मंजूर नहीं था."
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने संतोष सुमन के विलय वाले बयान को स्वीकारते हुए कहा,
“उन्होंने हमारे प्रस्ताव को ठुकरा दिया. फिर खत लिखा कि साथ रहने में सहमत नहीं हैं.”
वहीं संतोष सुमन के इस्तीफे पर बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने कहा,
CM नीतीश की सरकार पर क्या असर होगा?“मांझी जी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने ही मुख्यमंत्री बनाया था. उनके बेटे (संतोष सुमन) को हम लोग ने अपने ही कोटे से MLC बनाया था. अब उन्होंने खत लिख दिया कि कुछ वजहों से साथ नहीं चल सकते, हम लोगों ने स्वीकार किया है. अब ये साफ है कि वो महागठबंधन का हिस्सा नहीं हैं.”
बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई में अभी महागठबंधन की सरकार है. 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में RJD के पास 79 सीटें हैं, JDU के पास 45 सीटें हैं, कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं. 16 सीटों पर वाम दलों ने बाहर से समर्थन दिया है. वहीं मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की 4 सीटें हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अलग होने पर भी नीतीश सरकार पर असर नहीं होगा.
विपक्षी दलों की महाबैठक पर प्रभाव पड़ेगा?संतोष सुमन ने ऐसे वक्त इस्तीफा दिया है, जब नीतीश कुमार BJP के खिलाफ पूरे देश की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं. बिहार के CM नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी सहित कई दलों के नेता शामिल होंगे. ऐसे में बिहार महागठबंधन में फूट और जीतन राम मांझी के बेटे का इस्तीफा नीतीश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
हालांकि, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा,
क्या BJP के साथ जाएंगे जीतन राम मांझी?“इससे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. देश की 17 पार्टियां एकजुट हो रही हैं.”
ऐसा माना जा रहा है कि अब जीतन राम मांझी की पार्टी BJP के साथ जा सकती है. BJP के साथ जाने के सवाल पर संतोष सुमन ने कहा,
"हम BJP के साथ जाएंगे या नहीं, ये अलग बात है. हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि मांझी 'जल्द ही NDA में लौट सकते हैं क्योंकि बीजेपी नीतीश के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है.'
रिपोर्ट के मुताबिक BJP ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा,
"मांझी वरिष्ठ दलित नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वह दलित कल्याण से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं और कई दलित कल्याण योजनाओं को लागू नहीं करने पर कड़े सवाल पूछते रहे हैं. JD(U) उन पर शर्तें थोपने की कोशिश कर रही थी और उनके जैसे वरिष्ठ नेता ने JD(U) में विलय प्रस्ताव को ठुकरा कर सही किया."
वहीं BJP विधायक पवन जायसवाल 13 जून को जीतन राम मांझी से मिलने पहुंचे. आजतक के शशि भूषण की रिपोर्ट के मुताबिक पवन जायसवाल ने जीतन राम मांझी को अपना अभिभावक बताया.
अमित शाह से मिले थे जीतन राम मांझीजीतन राम मांझी कई दिनों से नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. इसकी एक वजह ये बताई जा रही है कि नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक में जीतन राम मांझी को न्योता नहीं भेजा. इस पर संतोष सुमन ने कहा,
"हम लोगों को बुलाया ही नहीं गया. हमारी पार्टी के अस्तित्व को कोई रेकोगनाइज ही नहीं कर रहा."
इससे पहले इसी साल जीतन राम मांझी ने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. मांझी ने इस मुलाकात के दौरान माउंटन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी और बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी. हालांकि, शाह से मांझी की मुलाकात को तभी उनकी NDA में वापसी का संकेत माना जा रहा था.
वीडियो: पटना में विपक्षी दलों की पार्टी मीटिंग में साथ दिखेंगे राहुल-केजरिवाल, नीतीश कुमार का बढ़ा कद?