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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रंप सरकार को कोर्ट में घसीट लिया है, विदेशी छात्रों के दाखिले पर लगाई थी रोक

डॉनल्ड ट्रंप सरकार के विदेशी छात्रों के एडमिशन रोकने वाले फैसले के खिलाफ हार्वर्ड विश्वविद्यालय कोर्ट पहुंच गया है. यूनिवर्सिटी ने कहा कि अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड हार्वर्ड नहीं है.

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हार्वर्ड ने ट्रंप प्रशासन को कोर्ट में घसीटा (तस्वीरः India Today)

विदेशी छात्रों का एडमिशन रोकने का आदेश देने वाली डॉनल्ड ट्रंप सरकार को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कोर्ट में घसीट लिया है. विश्वविद्यालय ने आरोप लगाया है कि ट्रंप की राजनीतिक मांगों को न मानने पर सरकार ने यूनिवर्सिटी पर बदले की ‘असंवैधानिक’ कार्रवाई की है. बोस्टन की फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे में हार्वर्ड प्रशासन ने कहा कि सरकार ने एक झटके से हार्वर्ड की स्टूडेंट फैकल्टी के एक चौथाई हिस्से को मिटाने की कोशिश की है. हार्वर्ड अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना ‘हार्वर्ड’ नहीं है. 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक से बताया कि हार्वर्ड ने अपनी शिकायत में ट्रंप सरकार के इस फैसले को अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन और अन्य संघीय कानूनों का साफ उल्लंघन बताया. इसने कहा कि इससे विश्वविद्यालय के साथ-साथ 7 हजार से ज्यादा वीजा धारकों पर तत्काल और विनाशकारी प्रभाव पड़ा है.

हार्वर्ड ने आगे कहा कि वह होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) के निर्देश को लागू होने से रोकने के लिए कोर्ट से एक अस्थायी निरोधक आदेश (Temporary Restraining Order) की मांग करेगा. 

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SVEP को रद्द करने का आदेश

बता दें कि अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी की सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने 22 मई की देर रात होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया था. SEVP अमेरिकी संस्थानों को इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को एडमिशन देने और उन्हें वीजा के लिए आवेदन करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट जारी करने की अनुमति देता है.

क्रिस्टी नोएम ने एक्शन के संबंध में जारी एक लेटर में बताया कि अमेरिकी सरकार ने कैंपस में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की जानकारी मांगी थी लेकिन हार्वर्ड प्रशासन ने जानकारी नहीं दी. यूनिवर्सिटी प्रशासन से खासतौर पर कैंपस में विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों के रिकॉर्ड समेत उनके ऑडियो विजुअल डॉक्यूमेंट भी मांगे गए थे.

डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. अगर यूनिवर्सिटी को अपना SEVP स्टेटस बनाए रखना है तो उन्हें 72 घंटों में मांगे गए डॉक्यूमेंट्स देने होंगे. साथ ही ट्रंप प्रशासन की दूसरी मांगों को भी पूरा करना होगा. अगर हार्वर्ड प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो यहां पढ़ रहे विदेशी छात्रों का भविष्य खतरे में आ जाएगा.

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डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 6,800 विदेशी छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है. इसमें भारत के भी 788 छात्र हैं.

ट्रंप हार्वर्ड के पीछे क्यों पड़े हैं?

डॉनल्ड ट्रंप के साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टकराव की शुरुआत इसी साल अप्रैल में हुई. ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की सभी यूनिवर्सिटीज से अपने कैंपस में चल रहे फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन बंद करवाने को कहा था. लेकिन हार्वर्ड प्रशासन ने ट्रंप सरकार की बात मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद से हार्वर्ड ट्रंप प्रशासन के निशाने पर आ गया.

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