जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेता जहानज़ैब सिरवाल ने चेतावनी दी है कि अगर पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रही कथित कार्रवाइयों पर कदम नहीं उठाया गया, तो वह बीजेपी से इस्तीफा देने को मजबूर होंगे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयानों को “अस्वीकार्य” बताया और राज्य पुलिस पर मुस्लिम समुदाय के प्रति 'बदले की भावना' से काम करने का आरोप लगाया.
'I Love Muhammad' के समर्थन में उतरे BJP के ये मुस्लिम नेता, सीएम योगी पर गंभीर सवाल उठाए
जहानज़ैब सिरवाल ने कहा कि मुसलमान ऐसे खतरों के सामने झुकेंगे नहीं और न ही पैगंबर मोहम्मद के प्रति अपने प्रेम को अपराध बनने देंगे.


सिरवाल ने कहा कि यूपी की स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत के खिलाफ जा रही है. उनके मुताबिक राज्य सरकार का ऐसा रवैया ‘समुदायों को बांटने वाला’ और ‘बिना आधार कानूनी मामले बनाए जा रहे हैं’. सिरवाल ने कहा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और किसी एक समुदाय को निशाना बनाने के बजाय सभी दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक मीडिया से बातचीत में सिरवाल ने कहा,
अगर पार्टी मुस्लिम समुदाय का भरोसा बहाल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाते, तो उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
दरअसल, 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान 'I Love Muhammad' लिखा बोर्ड लगाया गया था. इस पर 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इसके बाद 26 सितंबर को बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद कोतवाली क्षेत्र में मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर लेकर इकट्ठा हुए, जिसके चलते झड़पें हुईं. पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 68 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक स्थानीय मौलवी भी शामिल था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की किसी भी कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सिरवाल ने अपने बयान में कहा कि वह एक मुस्लिम हैं और बीजेपी के समर्पित नेता हैं, लेकिन यूपी सरकार की हाल की कार्रवाइयों ने उन्हें गहरा दुख पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक प्रेम को ‘I Love Muhammad’ बैनर के ज़रिए व्यक्त करने को अपराध की तरह दिखाया जा रहा है.
उन्होंने कहा,
जो एक सच्चे दिल से की गई आस्था की अभिव्यक्ति थी, उसका जवाब FIR, गिरफ्तारियों और भड़काऊ बयानों से दिया गया है. इनमें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ और पीढ़ियों को सबक सिखाने वाले बयान भी शामिल हैं. ऐसे बयान न सिर्फ समाज को बांटते हैं बल्कि अनुच्छेद 25 के तहत दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का अपमान भी करते हैं.
सिरवाल ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री को किसी भी समुदाय को धमकाने या चुप कराने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयानों को ‘लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ विश्वासघात और संविधान का अपमान’ बताया. उन्होंने कहा,
हम मुसलमान ऐसे खतरों के सामने झुकेंगे नहीं और न ही पैगंबर मोहम्मद के प्रति अपने प्रेम को अपराध बनने देंगे.
उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम बीजेपी नेता के रूप में वह चुप नहीं रह सकते, जब उनके समुदाय के अधिकारों को कुचला जा रहा हो और राज्य सरकार की कार्रवाइयों से पार्टी की ‘एकता’ की छवि को धक्का लग रहा हो.
सिरवाल ने बीजेपी नेतृत्व से अपील की कि अन्यायपूर्ण FIR रद्द की जाएं, शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए गिरफ्तार लोगों को छोड़ा जाए और उन बयानों को वापस लिया जाए जो समाज में फूट डालते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी मुख्यमंत्री संवैधानिक अधिकारों को दबाने के लिए राज्य की ताकत का दुरुपयोग न करे.
सिरवाल ने कहा कि अगर पार्टी की मौजूदा नीति यही है तो वह निष्कासन को भी स्वीकार कर लेंगे क्योंकि उनके लिए उनका ‘ईमान सबसे ऊपर’ है.
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