ऐसा क्या है?
बात ये है कि दोनों प्रोडक्ट्स हैं तो क्लच. बोले तो वो पर्स जो महिलाएं हाथ में रखती हैं. लेकिन दोनों दिखते हैं ब्रेड जैसे. और एक-एक की कीमत इतनी है कि एक चार लोगों का पूरा परिवार साल दो साल तक रोज ब्रेड खा ले. वो भी महंगी वाली ब्राउन ब्रेड.
एक क्लच लंबी ब्रेड की तरह दिखता है जिसे बैगेट कहते हैं. और एक क्रोसौं (एक तरह की नाज़ुक फ्रेंच पेस्ट्री) की तरह दिखता है. दोनों की कीमत वेबसाइट पर 758 पाउंड स्टर्लिंग है. जोकि भारतीय करेंसी में 74, 700 रुपयों के करीब आती है. यानी लगभग 75 हजार रुपए. मतलब आदमी इत्ते पैसे सिर्फ ये दिखाने के लिए खर्च करे कि वो ब्रेड का एक पैकेट लिए चल रहा है.

ब्रेड जैसे बैग पर इतने सुथरे तरीके से लोगो लगा दिया है कि मतलब बलिहारी जाए इंसान. कीमत इसी लोगो की जो ठहरी.
सोशल मीडिया पर भी कंपनी को लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया है. जिस ट्वीट से लोगों ने प्रोडक्ट्स का मजाक बनाना शुरू किया, वो ये है:
758 पाउंड सिर्फ ये दिखने के लिए कि आपने एक सबवे पकड़ रखा है. क्या ये कोई मज़ाक है?
ये तो बहुत बड़ी नक़ल चल रही है. अपने 757 पाउंड बचा लीजिए.
आप सोच रहे होंगे, जरूर कुछ ख़ास होगा इसमें. तभी इतने पैसे ले रहे हैं ये लोग. जैसे असली लेदर की चीज़ें थोड़ी महंगी तो आती ही हैं. तो ऐसा मत सोचिए. क्योंकि इन बैग्स को बनाने में 'faux leather' का इस्तेमाल हुआ है. यानी ऐसा कपड़ा जो सिर्फ दिखता लेदर जैसा है. अपने यहां बोलचाल की भाषा में कई बार रैक्सीन भी बोल देते हैं उसको. खुद मॉस्किनो की साईट पर लिखा है कि बैग को बनाने में 65% Polyurethane, 30% Polyester, 5% Viscose का इस्तेमाल हुआ है. यानी, कोई सुरखाब के पर नहीं लगे हैं. फिर भी ऐसी जानलेवा कीमत है.
वड्डे वड्डे लोग, वड्डी वड्डी बातें.