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'खाली करो नहीं तो...'- गाजा के लोगों को इजरायल ने दी धमकी? और क्या पता चला?

गाजा के लोगों का कहना है कि इजरायल की सेना की ओर से उन्हें नई चेतावनी मिली है. उनसे कहा गया है कि अगर वे दक्षिण की ओर नहीं जाते हैं तो उन्हें 'आतंकवादी संगठन' का सहयोगी माना जा सकता है.

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राहत एजेंसियां गाजा में अभी और मानवीय तबाही की चेतावनी दे रही हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

गाजा के लोगों का कहना है कि उन्हें इजरायली सेना की तरफ से एक नई चेतावनी दी गई है. उनके मुताबिक इजरायल की सेना ने गाजा निवासियों को संदेश दिया है कि अगर वे दक्षिण की ओर नहीं जाते हैं तो उन्हें 'आतंकवादी संगठन के' सहयोगी के तौर पर पहचाने जाने का खतरा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा के लोगों को ये संदेश शनिवार, 21 अक्टूबर को हवाई मार्ग से गिराए गए पर्चों से मिला. पर्चे पर इजरायली सेना का लोगो था. साथ ही, लोगों को फोन पर भी ऐसे मैसेज आए.

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रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के लोगों को मिले पर्चों में लिखा था, 

"जो कोई भी उत्तरी गाजा को नहीं छोड़ने का विकल्प चुनता है, उसे आतंकवादी संगठन में एक सहयोगी के तौर पर पहचाना जा सकता है."

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इजरायल की सेना ने क्या कहा?

इजरायली सेना ने कहा कि उसका 'उन लोगों को आतंकवादी ग्रुप का सदस्य मानने का कोई इरादा नहीं है, जिन्होंने उत्तरी गाजा खाली नहीं किया है'. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने नागरिक क्षति को कम करने के लिए, गाजा पट्टी के उत्तरी क्षेत्र के निवासियों से दक्षिण की ओर जाने की अपील की थी.

इजरायल ने पहले ही गाजा के लोगों को दक्षिण की ओर बढ़ने की चेतावनी दी थी. इधर, लोगों का कहना है कि पहले उन्हें यह नहीं बताया था कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 'आतंकवादियों' से सहानुभूति रखने वाला माना जाएगा.

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गाजा के शरणार्थियों के लिए मदद

रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों का कहना है कि बढ़ते खतरे के बीच उन तक बेहद कम मदद पहुंचने दी जा रही है. गाजा पट्टी के उत्तर में दस लाख से अधिक लोग रहते थे. हजारों लोग अस्थायी शिविरों में रहने के लिए दक्षिण की ओर चले गए हैं. हालांकि, लगातार हवाई हमले से वो दक्षिणी क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं, जहां लोगों ने शरण ली है.

गाजा के आम नागरिकों की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है. इजरायल की घेराबंदी के दो हफ्ते बाद मदद की पहली आपूर्ति 21 अक्टूबर को पहुंची. 20 सहायता ट्रकों के पहले काफिले में पहुंची मदद 22 अक्टूबर को बांटी गई. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 19 सहायता ट्रकों का दूसरा काफिला भी 22 अक्टूबर को गाजा पट्टी की ओर निकला. 

राहत एजेंसियां गाजा में अभी और तबाही की चेतावनी दे रही हैं. यहां अस्पतालों में ईंधन से लेकर पावर इनक्यूबेटर और दूसरे जरूरी उपकरण खत्म होने की कगार पर हैं. फिलिस्तीन में शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA के आधिकारियों ने बताया कि मदद काफिले में ईंधन शामिल नहीं है. UNRWA (United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees) ने बताया कि उनका ईंधन तीन दिनों में खत्म हो जाएगा. जाहिर है, इससे मदद अभियान पर असर पड़ेगा.

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