एक गेम पर धर्मगुरु टूट पड़े हैं. इंग्लैंड में सत्संग हुआ. सिख प्रचारक ने भी पोकेमोन गो को खूब सुनाया. कहा कि अमेरिका में लोग पोकेमोन गो के लिए पागल हैं. ये टाइम को बर्बाद करने वाला है. उन्होंने कहा ऐसा लगता है प्लेयर्स पोकेमोन को नहीं पकड़ रहे बल्कि पोकेमोन गो ने प्लेयर्स को जकड़ लिया है. पोकेमोन गो न खेलो. मन को पकड़ कर रखो.
डार्विन की थ्योरी पर बेस्ड 'पोकेमोन गो' गैर-इस्लामी है!
सिख भी पोकेमोन गो से उकताए हैं, सब धर्मों को खुन्नस है इस गेम से.
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लंदन में पोकेमोन गो खेलते हुए. source Reuters
भाग पोकेमोन भाग. नहीं तो तू इतना कंफ्यूजिया जाएगा कि प्लेयर्स से छिपना है या फतवों से. मुस्लिम ही नहीं सिख गुरु भी खफा हो गए हैं तुझसे. इतनी फ़िक्र तो धर्म गुरुओं को धर्म की नहीं, जितनी तेरी हो गई है. तू इनकी नजरों में चुभने लगा है. अब तो तेरी नस्लों के बारे में भी पता चल जाएगा कि तेरे पूर्वज कौन थे. मलेशिया में तो एक मुस्लिम लीडर ने पता भी लगा लिया तू कहां से आया है. अब तू अपनी खैर मना ले बेटा. मलेशिया में मुस्लिम लीडर ज़ुलकिफ्ली मोहम्मद अल-बक्र का कहना है कि पोकेमोन गो गेम एंटी इस्लाम है. पता है वो इसकी वजह क्या बताते हैं कहते हैं कि ये चार्ल्स डार्विन की थ्योरी ऑफ इवॉल्यूशन पर बेस है. जिसको इस्लाम ख़ारिज करता है. डार्विन ने कहा था जैसे जैसे प्रकृति में बदलाव आता है वैसे-वैसे जीव बनते जाते हैं. आसान से लफ्जों में कहूं तो मछली से बंदर और बंदर से इंसान बन गया. बस ये ही है थ्योरी ऑफ इवॉल्यूशन. गेम में भी जगह-जगह पोकेमोन पैदा होते रहते हैं. जिन्हें प्लेयर्स को पकड़ना होता है. अजीब कशमकश में हैं ज़ुलकिफ्ली. एक तरफ डार्विन थ्योरी को ख़ारिज कर रहे हैं दूसरी तरफ पोकेमोन गो को डार्विन थ्योरी के मुताबिक बताकर डार्विन थ्योरी को सही साबित करने पर तुले हैं. उनके इस फतवे में ये डर साफ़ झलकता है कि पोकेमोन गो जगह-जगह कैसे पैदा हो सकता है. एक मलेशिया ही नहीं सऊदी अरब में भी इसे जुआ बताते हुए फतवा जारी किया गया.
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