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बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी के बाद बवाल, पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया

Chinmoy Krishna Das: इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद जगह-जगह पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है.

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चिन्मय दास की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किए गए हैं. (तस्वीर: सोशल मीडिया/इंडिया टुडे)
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आशुतोष मिश्रा

इस्कॉन (Iskcon) से जुड़े चिन्मय कृष्णन दास (Chinmoy Krishna Das) की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ भारत में भी आवाज रही हैं. चिन्मय कृष्णन दास, बांग्लादेश के चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं. इस्कॉन मंदिर ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वो इस मामले पर जरूरी कदम उठाएं.

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उन्होंने सोशल मीडिया X पर एक बयान जारी किया है. उन्होंने लिखा है,

“हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है. इस्कॉन भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने तथा ये बताने का आग्रह करता है कि हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं. हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करे. इन भक्तों की सुरक्षा के लिए हम भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं.”

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ये भी पढ़ें: "बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया", मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना को लेकर भी बात की है

इस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी टैग किया गया है.

Chinmoy Das पर क्या आरोप लगे हैं?

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिन्मय दास को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अक्टूबर महीने में उन्होंने एक रैली को संबोधित किया था. इसी रैली को लेकर उन पर आरोप लगे हैं. रिपोर्ट है कि उन्हें ढाका एयरपोर्ट  से ढाका पुलिस की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है.

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बांग्लादेश में उनकी गिरफ्तारी के विरोध में भारी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. ढाका कोक्स बाजार और चिटगांव जैसे इलाकों में भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं. उन्होंने मशाल रैली निकाली है. इसके कारण कई जगहों पर सेना और सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है. कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया है.

Suvendu Adhikari ने S Jaishankar के लिए पोस्ट लिखा

पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने विदेशी मंत्री एस जयशंकर का इस घटना की ओर ध्यान आकृष्ट किया है. उन्होंने X पर लिखा है,

"लोकप्रिय हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश के ढाका हवाई अड्डे से जासूसी शाखा ने अगवा कर लिया है. वो बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. बांग्लादेशी सनातनी समुदाय को डर है कि मोहम्मद यूनुस की 'कट्टरपंथी' सरकार किसी भी स्तर तक गिर सकती है. यहां तक ​​कि अपनी सत्ता के लिए 'कथित खतरों' को भी खत्म कर सकती है. मैं एस जयशंकर से आग्रह करता हूं कि कृपया मामले को संज्ञान में लें और तत्काल कदम उठाएं. बांग्लादेश सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. उन्होंने पहले कहा था कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. आप सभी एकजुट होकर इस आंदोलन को जीवित रखें."

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में 77 से भी ज्यादा इस्कॉन के मंदिर है. और करीब 50 हजार लोग इन मंदिरों से जुड़े हुए हैं. शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाई गई. इसके बाद रिपोर्ट्स आईंकि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और मंदिरों को निशाना बनाया गया. इन घटनाओं को लेकर चिन्मय कृष्णन दास लगातार आवाज उठा रहे थे. हालांकि, पिछले दिनों मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया.

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