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इंडिगो क्राइसिस की जड़ यह है

आज, 5 दिसंबर को इंडिगो की करीब 600 फ्लाइट्स रद्द हुई. जो नियम पायलट्स और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे, उन्हीं का हवाला देकर इंडिगो की फ्लाइट्स उड़ान ही नहीं भर रहीं.

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जिन्हें उड़ना था, वो जमीन पर खड़े हैं. इंडिगो के विमान. (PTI)

IndiGo के पैसेंजर्स के लिए आफत का आज तीसरा दिन है. दिल्ली से बेंगलुरु तक सैकड़ों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं. यात्री एयरपोर्ट पर फंसे पड़े हैं. उम्मीदों पर पानी फेरते हुए 5 दिसंबर को भी IndiGo की संचालन से जुड़ी दिक्कतें जारी रहीं और बड़े हवाई अड्डों पर करीब 600 उड़ानें रद्द हुईं. इससे पहले 4 दिसंबर को ही 550 उड़ानें रद्द की गई थीं. उससे पहले 2 और 3 दिसंबर के बीच 200 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई थीं. भारतीय एविएशन के इस मौजूदा संकट को इतिहास सबसे खराब स्थितियों में गिनेगा.

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पर वजह क्या है इस संकट की? इकॉनमी क्लास की खराब सीट की शिकायतों के बावजूद IndiGo ही वह स्वदेशी एयरलाइन है जिसने देश की एविएशन इंडस्ट्री की लाज बचा रखी थी. पर बीते तीन दिनों में IndiGo ‘परेशानियों का दूसरा’ नाम बन गई. हालांकि कहानी सिर्फ तीन दिन की नहीं है. थोड़ा पीछे चलते हैं.

वर्तमान संकट की जड़ 2019 तक जाती है. इंडिया टुडे के आलोक रंजन की रिपोर्ट के मुताबिक पायलट यूनियनों ने DGCA के 2019 के नियमों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. उन नियमों में पायलटों के लगातार रात की उड़ानें भरने की संख्या एक से बढ़ाकर दो कर दी गई थी और आराम का समय घटा दिया गया था. एयरलाइंस को विशेष परिस्थितियों, जैसे खराब मौसम या आपात स्थिति में पायलट्स पर अतिरिक्त भार देने की छूट दी गई थी.

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पायलट यूनियनों के विरोध के बाद DGCA ने अपने कदम पीछे खींच लिए. 8 जनवरी 2024 को DGCA ने संशोधित नियम जारी किए और एयरलाइंस को 1 जून 2024 तक का समय दिया. फिर एयरलाइंस ने इन नियमों को चुनौती दी क्योंकि उनका कहना था कि इन्हें लागू करने से कर्मचारियों की मांग बहुत बढ़ जाएगी, कई विमान ग्राउंड हो जाएंगे और किराए बढ़ेंगे. इन चिंताओं पर DGCA ने एयरलाइंस से नियम लागू करने की व्यावहारिक समयसीमा मांगी और नियमों को होल्ड कर दिया. इसके चलते पायलट संघों ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

20 फरवरी 2025 को DGCA ने अपने हलफनामे में नई व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना कोर्ट में पेश की. इस योजना के मुताबिक 22 में से 15 प्रावधान 1 जुलाई 2025 से लागू किए जाएंगे और बाकी 7 प्रावधान 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे.

दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 फरवरी 2025 को DGCA के संशोधित नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि 1 जुलाई 2025 से पायलटों का साप्ताहिक आराम 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे किया जाएगा. 1 नवंबर 2025 से रात की ड्यूटी का समय आधी रात से सुबह 5 बजे तक के बजाय आधी रात से सुबह 6 बजे तक माना जाएगा और रात की ड्यूटी में अधिकतम दो लैंडिंग ही होंगी.

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लगभग छह साल तक चली इस लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल 2025 को DGCA से औपचारिक आश्वासन मिलने के बाद मामला खत्म कर दिया. DGCA ने कहा था कि नियमों को 1 जुलाई 2025 से लागू किया जाएगा.

दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के बाद DGCA ने 1 नवंबर से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लागू करना शुरू कर दिया. इन नियमों में पायलट द्वारा…

- रात 12 से सुबह 6 बजे के बीच की जाने वाली लैंडिंग की संख्या सीमित की गई है, 
- साप्ताहिक आराम को 48 घंटे किया गया है, रात की ड्यूटी का समय बढ़ाया गया है, 
- और रात में एक हफ्ते में दो से ज्यादा लैंडिंग की अनुमति नहीं है, जबकि पहले छह लैंडिंग तक की अनुमति थी. वैसा ही जैसा हाई कोर्ट ने कहा था.

IndiGo इस संकट के पीछे की वजह यही Flight Duty Time Limitations बताया रहा है.  

ताज़ा अपडेट यह है कि DGCA के FDTL के ऑर्डर को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. ताकि मौजूदा संकट खत्म किया जा सके. हालांकि, थके हुए पायलट्स के लिए लगातार उड़ान भरना पैसेंजर्स की सेफ्टी के साथ ज्यादा बड़ा खिलवाड़ है या एयरपोर्ट पर घंटों पड़े यात्रियों का फ्लाइट्स के लिए परेशान होना, इस पर वाद-विवाद हो सकता है…होगा ही.

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केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू. (PTI)

फिलहाल सरकार ने IndiGo सर्विस में रुकावट की डिटेल्ड जांच शुरू करने के लिए कमेटी बना दी है. और केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू अपने दफ्तर में बैठकर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एयरपोर्ट पर जूझ रहे यात्री कितने परेशान हैं.

वीडियो: खर्चा-पानी: दो दिन में इंडिगो की सैकड़ों से अधिक फ्लाइट्स रद्द, इन नियमों को बताया वजह

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